भारत को हिंदू राष्ट्र घोषित करने की कोई जरूरत नहीं है- RSS प्रमुख मोहन भागवत का बड़ा बयान
punjabkesari.in Wednesday, Nov 19, 2025 - 05:50 PM (IST)
UP Desk: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि जो कोई भी ‘‘भारत पर गर्व'' करता है, वह हिंदू है। भागवत ने यहां प्रतिष्ठित हस्तियों के साथ बातचीत में दावा किया कि 'हिंदू' केवल एक धार्मिक शब्द नहीं है, बल्कि हजारों वर्षों की सांस्कृतिक निरंतरता में निहित एक सभ्यतागत पहचान है। उन्होंने कहा, ‘‘भारत और हिंदू पर्यायवाची हैं। भारत को 'हिंदू राष्ट्र' होने के लिए किसी आधिकारिक घोषणा की आवश्यकता नहीं है। इसकी सभ्यतागत प्रकृति पहले से ही इसे दर्शाती है।
आरएसएस की स्थापना किसी के विरोध के लिए नहीं
भागवत ने कहा कि आरएसएस की स्थापना किसी का विरोध करने या उसे नुकसान पहुंचाने के लिए नहीं, बल्कि चरित्र निर्माण पर ध्यान केंद्रित करने और भारत को वैश्विक नेता बनाने में योगदान देने के लिए की गई थी। उन्होंने कहा, ‘‘विविधता के बीच भारत को एकजुट करने की पद्धति को आरएसएस कहा जाता है।'' भागवत ने असम में ‘‘जनसांख्यिकीय परिवर्तनों'' से जुड़ी चिंताओं से निपटने के लिए आत्मविश्वास, सतर्कता और अपनी भूमि और पहचान के प्रति दृढ़ लगाव का आह्वान किया।
देश में संतुलित जनसंख्या नीति की आवश्यकता
उन्होंने अवैध घुसपैठ, हिंदुओं के लिए तीन बच्चों के मानदंड सहित एक संतुलित जनसंख्या नीति की आवश्यकता और विभाजनकारी धर्मांतरण का विरोध करने के महत्व जैसे मुद्दों पर बात की। उन्होंने खासकर युवाओं के बीच सोशल मीडिया के जिम्मेदाराना इस्तेमाल की भी वकालत की।
राष्ट्र निर्माण के लिए नि:स्वार्थ भाव से सभी वर्गों को काम करना होगा
पूर्वोत्तर को भारत की विविधता में एकता का एक ज्वलंत उदाहरण बताते हुए उन्होंने कहा कि लचित बोरफुकन और श्रीमंत शंकरदेव जैसी हस्तियां न केवल क्षेत्रीय महत्व रखती हैं, बल्कि राष्ट्रीय प्रासंगिकता भी रखती हैं और सभी भारतीयों को प्रेरित करती हैं। भागवत ने समाज के सभी वर्गों से राष्ट्र निर्माण के लिए सामूहिक और नि:स्वार्थ भाव से काम करने का आग्रह किया। वह सोमवार को तीन-दिवसीय यात्रा पर यहां पहुंचे। उनका बुधवार को एक युवा सम्मेलन को संबोधित करने का कार्यक्रम है। वह 20 नवंबर को मणिपुर के लिए रवाना होंगे।

