Prabhat Gupta Murder Case: हत्या के 23 साल पुराने मामले में केंद्रीय मंत्री Ajay Mishra बरी, Supreme Court ने हाई कोर्ट के फैसले को रखा बरकरार
punjabkesari.in Monday, Jan 08, 2024 - 07:44 PM (IST)

लखीमपुर खीरी: केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा (Ajay Mishra ) उर्फ 'टेनी' को हत्या के 23 साल पुराने मामले में सुप्रीम कोर्ट ( Supreme Court ) से बड़ी राहत मिली है। मामले की सुनवाई कर रहे जस्टिस बेला एम त्रिवेदी की अध्यक्षता वाली बेंच ने इलाहाबाद हाई कोर्ट के द्वारा हत्या के मामले में अजय मिश्रा को बरी किए जाने के फैसले को बरकरार रखा है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा निचली अदालत और हाईकोर्ट ने इस मामले में अजय मिश्रा टेनी को बरी करने का फैसला सुनाया है। हम हाईकोर्ट के फैसले में हस्तक्षेप करने के इच्छुक नहीं है और इस मामले को लगभग 23 साल बीत चुके हैं।
दरअसल, घटना में मृत प्रभात गुप्ता ( Prabhat Gupta Murder Case) के भाई ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। जिसमें इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रभात गुप्ता हत्याकांड में अजय मिश्रा टेनी को बरी कर दिया था। साल 2000 में प्रभात गुप्ता की हत्या हुई थी और साल 2004 में ट्रायल कोर्ट ने सबूतों के अभाव में टेनी को बरी किया था। इस मामले मे अजय मिश्रा के साथ सुभाष मामा, शशि भूषण, पिंकी और राकेश डालू को भी इस हत्याकांड में शामिल थे। जिन्हें राहत मिली थी।
है कि साल 2000 में लखीमपुर खीरी के प्रतिष्ठित घी-तेल के थोक व्यापारी संतोष गुप्ता के बड़ें बेटे प्रभात गुप्ता की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। घटना को अंजाम दे हमलावर भाग निकले। गोली की आवाज सुनकर जुटे लोगों ने खून से लथपथ प्रभात को अस्पताल पहुंचाया, लेकिन तब तक उसकी मौत हो चुकी थी। प्रभात उर्फ राजू की हत्या में पिता संतोष गुप्ता ने स्थानीय भाजपा नेता और जिला सहकारी बैंक के तत्कालीन उपाध्यक्ष अजय मिश्रा उर्फ टेनी (वर्तमान में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री) और उनके तीन साथियों शशि भूषण, राकेश डाला और सुभाष मामा के खिलाफ केस दर्ज करवाया। संतोष गुप्ता ने आरोप लगाया कि बेटे प्रभात गुप्ता को पहली गोली अजय मिश्रा उर्फ टेनी ने कनपटी, जबकि सीने पर दूसरी गोली सुभाष मामा ने मारी। फिलहाल इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने निचली अदालत के फैसले को बरकरार रखा है।