UP: 3 दिन बाद भी नवगठित कमिश्नरेट में नहीं हो सकी अफसरों की तैनाती, कई बैठकों के बाद भी नहीं हुआ निर्णय

punjabkesari.in Monday, Nov 28, 2022 - 01:07 PM (IST)

लखनऊ ( अश्वनी सिंह ): उत्तर प्रदेश में पुलिस आयुक्त प्रणाली लागू होने के तीन दिन बाद भी नवगठित कमिश्नरेट में अफसरों की तैनाती नहीं हो सकी है। इन अफसरों की तैनाती के लिए शीर्ष स्तर पर कई बैठके हुई थी, लेकिन इन बैठकों के बाद भी कोई निर्णय नहीं हो सका है। वहीं, पुलिस कमिश्नरेट के हिसाब से पदों के सृजन का प्रस्ताव भी अधर में लटक गया है। अब कोई निर्णय होने के बाद ही इन अफसरों की तैनाती की जा सकेगी।

बता दें कि राज्य के आगरा, प्रयागराज और गाजियाबाद में पुलिस आयुक्त प्रणाली लागू हुई है। इसका प्रस्ताव 25 नवंबर को ही शासन को भेज दिया गया था। इसके बाद पुलिस आयुक्त प्रणाली लागू होने की अधिसूचना 26 नवंबर को जारी की गई है। यह प्रणाली लागू होने के बाद संबंधित जिलों में पुलिस से संबंधित अधिकतर मामलों में मजिस्ट्रेट का हस्तक्षेप समाप्त हो गया है। ऐसे में संबंधित जिलों में तैनात अफसर भी ऊहापोह में हैं कि उनकी अब क्या भूमिका है। पुलिस कप्तान प्रभारी पुलिस आयुक्त के रूप में काम करें या पूर्व की तरह काम करते रहें।

नवगठित कमिश्नरेट में DCP के किए जा सकते है 9 पद सृजित
पुलिस आयुक्त प्रणाली लागू होने के बाद नवगठित कमिश्नरेट में अफसरों की तैनाती की जाएगी। आगरा, प्रयागराज और गाजियाबाद जिलों में पहले से ही एसपी रैंक के 11 अफसर तैनात है। अब DCP के लिए 9 पद सृजित किए जा सकते है। इन पदों पर 2015, 2016 और 2017 बैच के अफसरों की तैनाती हो सकती है। इसके पीछे ये वजह बताई जा रही है कि यहां अपर पुलिस आयुक्त का पद वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के समकक्ष होगा, उससे जूनियर अफसरों को डीसीपी के रूप में तैनात  किया जाएगा।
 


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Content Editor

Pooja Gill

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