वसीम रिजवी का बड़ा ऐलान, कहा- मौत के बाद दफनाने की बजाए मेरा हो अंतिम संस्कार... डासना मंदिर के महंत दें मुखाग्नि
punjabkesari.in Monday, Nov 15, 2021 - 01:13 PM (IST)
लखनऊ: उत्तर प्रदेश शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के सदस्य और पूर्व अध्यक्ष वसीम रिजवी इस्लाम विरोधी बयान देकर सुर्खियों बने रहते हैं। इस बार उन्होंने एक वसीयत लिखकर विवाद खड़ा कर दिया है। वसीयत में उन्होंने इच्छा जताई है कि उनकी मृत्यु के बाद हिंदू धर्म के परंपरा के अनुसार अंतिम संस्कार किया जाए। रिजवी ने अपनी वसीयत में मुखाग्नि देने का अधिकार डासना मंदिर के महंत नरसिंहानंद सरस्वती को दिया है।
बता दें कि वसीम रिजवी ने एक वीडियो जारी करते हुए कहा है कि देश और दुनिया में मेरी हत्या करने की साजिश की जा रही है। उन्होंने कहा कि मुझे जान से मारने वाले को ईनाम देने की बात की जा रही है। रिजवी ने अपने बयान में कहा कि मेरा गुनाह बस इतना है कि मैने पैगंबर ए-इस्लाम हजरत मोहम्मद पर एक किताब लिखी है और 26 आयतों को हटाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में चैलेंज किया था। उन्होंने ऐलान करते हुए कहा कि ये लोग मेरे मरने के बाद कब्रिस्तान में दफन करने के लिए जगह नहीं देंगे। मैं चहता हूं कि मेरे मरने के बाद देश में शांति बनी रहें इसलिए मेरा अंतिम संस्कार हिंदू रीति रिवाज से किया जाए। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि मेरा जो शरीर है वह मेरा हिंदू दोस्त हैं, उनको लखनऊ में चिता बनाकर अंतिम संस्कार कर दिया जाए और चिता में अग्नि हमारे यति नरसिंहानंद सरस्वती जी देंगे, मैंने उनको अधिकृत किया है।
गौरतलब है कि बीते सप्ताह वसीम रिजवी ने एक किताब लिखा था, जिसमें 'मोहम्मद' का विमोचन नरसिंहानंद से कराया था। तमाम मुस्लिम धर्म गुरुओं ने इस किताब को विवादित तथ्य बताते हुए रिजवी पर कानूनी कार्रवाई करने और किताब को तुरंत बैन करने की मांग करने लगे। वहीं, इसके पहले वसीम रिजवी ने कुरान की कुछ आयतों को हटाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर भी की थी। रिजवी कै कहना था कि कुरान की 26 ऐसी आयते हैं जो आतंकवाद को बढ़ावा देती है।