स्वामी प्रसाद मौर्य ने जो कहा ये उनके निजी विचार हैं, पार्टी इससे इत्तेफाक नहीं रखती- शिवपाल सिंह यादव

punjabkesari.in Tuesday, Jan 24, 2023 - 01:30 PM (IST)

लखनऊ : सपा MLC व उत्तर प्रदेश के बसपा, भाजपा सरकार में मंत्री रहे स्वामी प्रसाद मौर्य का रामचरितमानस को लेकर दिए गए विवादित बयान के बाद उनकी मुश्किलें कम होते नहीं दिख रही हैं। विवादित बयान देने के बाद जहां एक तरफ राज्य की सत्ता पर काबीज BJP हमलावर हो गई हैं तो वहीं दूसरी तरफ उनकी पार्टी भी इस विवाद में उनका साथ देने से बचती नजर आ रही हैं। रविवार को बयान देने के बाद जब विवाद बढ़ा तो सोमवार को सपा के मुख्य सचेतक मनोज पाण्डेय व लखनऊ मध्य विधान सभा से सपा विधायक रविदास मेहरोत्रा ने उनके बयान की निंदा की। वहीं आज सपा के वरिष्ठ नेता व जसवंतनगर से विधायक अखिलेश यादव ने मीडिया से बात करते हुए इसे स्वामी प्रसाद का निजी बयान बताया। वहीं सपा प्रमुख अखिलेश यादव इस पूरे प्रकरण में स्वामी प्रसाद से नाराज बताए जा रहे हैं।

PunjabKesari

ये स्वामी प्रसाद का निजी बयान
शिवपाल सिंह यादव ने मंगलवार को मीडिया से बात करते हुए कहा कि स्वामी प्रसाद मौर्य ने जो कहा ये उनके निजी विचार हैं, पार्टी इससे इत्तेफाक नहीं रखती हैं। हम लोग राम और कृष्ण के आदर्शों पर चलने वाले लोग हैं। प्राण जाए पर वचन न जाए का पालन करने वाले लोग हैं लेकिन क्या बीजेपी भगवानों के आदर्शों पर चल रही है, उन्होंने कहा कि जहां भगवान कभी झूठ नहीं बोलते हैं। वहीं बीजेपी के लोग सिर्फ झूठ बोलते हैं, वह भगवान को ही बेच रहे हैं।

PunjabKesari

क्या कहा था स्वामी प्रसाद मौर्य ने
सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने रामचरितमानस को लेकर विवादित बयान देकर चर्चा में आए। उन्होंने रविवार को मीडिया से बात करते हुए कहा था कि रामचरितमानस को पूरी तरह से बैन करना चाहिए। उसमें सब बकवास है। उन्होंने कहा कि रामचरितमानस के कुछ हिस्सों से मुझे आपत्ति है। रामचरितमानस में तुलसीदास ने क्षुद्रों का अपमान किया है। ऐसे में धर्म का नाश हो। तुलसीदास की रामायण को प्रतिबंधित करना चाहिए। जिस दकियानूसी सा जीव हित्य में पिछड़ों और दलितों को गाली दी गई हो उसे प्रतिबंधित होना चाहिए। अगर सरकार तुलसीदास की रामायण को प्रतिबंधित नहीं कर सकती तो उन श्लोकोंं को रामायण से निकालना चाहिए। जिसमें 52% आबादी वाली जनसंख्या के बारे में गलत बातें लिखी गई हैं।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Editor

Prashant Tiwari

Recommended News

Related News

static