Azamgarh Lok Sabha: आजमगढ़ में क्यों डूबी भोजपुरी सिनेमा सुपर स्टार ''निरहुआ'' की लुटिया?

punjabkesari.in Friday, Jun 07, 2024 - 05:24 PM (IST)

आजमगढ़: 2024 के लोकसभा चुनाव का परिणाम आने के बाद किसी को जीत मिली तो किसी की हार हुई है। उत्तर प्रदेश में बीजेपी का प्रदर्शन बेहद खराब रहा। कई केंद्रीय मंत्री और दिग्गज चुनाव हार गए। इसी कड़ी में भोजपुरी सिनेमा के सुपर स्टार दिनेश लाल यादव उर्फ निरहुआ भी आजमगढ़ लोकसभा सीट से हार गए। 

तीन विधानसभाओं के वोटों को भी सहेज नहीं पाए निरहुआ 
बता दें कि जहां धर्मेंद्र यादव को 5 लाख 8 हजार 239 वोट मिले हैं। वहीं दिनेश लाल यादव उर्फ निरहुआ को 3 लाख 47 हार 204 वोट मिले। वहीं इस सीट पर तीसरे नंबर पर बसपा उम्मीदवार सबीहा अंसारी रहे। उन्हें 1 लाख 79 हजार 839 वोट मिले थे। दिनेश लाल यादव निरहुआ 2022 के उपचुनाव में उन तीन विधानसभाओं के वोटों को भी सहेज नहीं पाए, जहां से साढ़े 16 हजार वोटों की बढ़त लेकर सपा के किले को ध्वस्त करने का दावा करने में पीछे नहीं रहते थे। प्रतिशत बढ़ने से वोट भले ही उपचुनाव से ज्यादा मिले, लेकिन वह प्रदर्शन नहीं दोहरा सके। यही नहीं, पीएम मोदी और सीएम योगी भी सपा के किले को ध्वस्त करने पर निरहुआ की पीठ थपथपा गए थे। ये क्षेत्र हैं सगड़ी, आजमगढ़ सदर और मेंहनगर। इस बार के चुनाव में सपा का उन तीनों सीटों पर खास जोर था जहां वह गच्चा खाए थे उपचुनाव में। वह अपनी रणनीति में सफल भी हुए।

निरहुआ की दूरी और संवादहीनता कचोटती थी कार्यकर्ताओं को
जब भी आजमगढ़ की बात होती थी तो विकास की चर्चा जरूर होती थी। हरिहरपुर में संगीत महाविद्यालय, आजमगढ़ एयरपोर्ट से उड़ान, विश्वविद्यालय सहित बताने वाले तमाम काम थे। हालांकि लोगों से मेल-मिलाप के बजाय शूटिंग और अन्य बातों पर ज्यादा जोर ने भी भाजपा की लुटिया डुबोने का काम किया। निरहुआ से न मिल पाने का दर्द जरूर कार्यकर्ताओं को सालता था। कार्यकर्ताओं से सांसद की संवादहीनता भी कचोटती थी। नरौली निवासी रामदीन कहते हैं कि शुरू से भाजपा का सिपाही हूं। निश्चित ही दिनेश लाल यादव ने विकास कराए, लेकिन इतने दिनों में तीन-चार बार मिलना चाहा लेकिन इनकी गणेश परिक्रमा करने वालों की वजह से मिल न सका। इसी तरह से चौक निवासी रमाशंकर का कहना है कि उनकी दुनिया अलग थी। कुछ लोगों तक ही वह सीमित थे।

2019 के आम चुनाव में अखिलेश यादव से हारे थे निरहुआ
2019 के आम चुनाव में समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने निरहुआ को 2,59,874 वोटों के अंतर से हराया था। हालांकि 2022 के उत्तर प्रदेश चुनाव में करहल विधानसभा सीट जीतने के बाद अखिलेश यादव ने सांसद पद से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद उपचुनाव में धर्मेंद्र यादव निरहुआ से 8,769 वोटों के अंतर से हार गए थे। 2009 में यह सीट बीजेपी के रमाकांत यादव ने जीती थी, जबकि 2014 में समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव ने यह सीट जीती थी।

2019 में राजनीति में उतरे थे निरहुआ
बता दें कि निरहुआ ने 27 मार्च, 2019 को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मौजूदगी में लखनऊ में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल होकर राजनीति में एंट्री की थी। 3 अप्रैल, 2019 को, उन्हें 2019 भारतीय लोकसभा चुनाव में आज़मगढ़ निर्वाचन क्षेत्र के लिए भाजपा उम्मीदवार के रूप में घोषित किया गया था। 
 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

Tamanna Bhardwaj

Related News

static