धर्म परिवर्तन नहीं करने पर पत्नी की हत्या, दोषी पति डॉ. इकबाल समेत 3 को उम्रकैद
punjabkesari.in Wednesday, May 10, 2023 - 05:48 PM (IST)

बरेली: धर्म छिपाकर युवती से शादी करने के 10 साल बाद धर्म परिवर्तन न करने पर उसकी गला दबाकर हत्या कर दिए जाने का जुर्म साबित हो गया। इसके बाद अदालत ने मंगलवार को आरोपी पति शीशगढ़ के गांव जाफर निवासी डॉ. इकबाल और उसके सहयोगी मीरगंज के गांव सैंजना के यासीन और परचई के मिसरयार उर्फ मिश्रा को सश्रम आजीवन कारावास की सजा सुनाई। तीनों पर 50-50 हजार रुपये का जुर्माना भी डाला गया है।सजा का फैसला अपर सत्र न्यायाधीश कोर्ट-10 तबरेज अहमद ने सुनाया।
10 साल पहले धर्म छिपाकर धोखे से शादी की थी
एडीजीसी क्राइम सचिन जायसवाल के मुताबिक सहारनपुर निवासी कौशल्या देवी की ओर से थाना मीरगंज में रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी कि उनकी बेटी निशा से डॉ. इकबाल अहमद ने 10 साल पहले अपना धर्म छिपाकर धोखे से शादी की थी। शादी के बाद निशा को इसका पता चला। इकबाल ने उसे चुरई दलपतपुर के किराए के मकान में रखा। इन 10 सालों में उसके दो बेटियां रिया और रोशनी भी हुईं। हत्या से पहले कई महीने से डॉ. इकबाल अपनी सारी संपत्ति दूसरी बीवी के नाम करने की धमकी देकर निशा पर धर्म परिवर्तन करने का दबाव बना रहा था।
निशा धर्म परिवर्तन करने के लिए तैयार नहीं हुई तो बेटी के सामने ले ली जानः कौशल्या देवी
कौशल्या देवी के मुताबिक निशा ने इस बारे में उन्हें फोन पर जानकारी दी थी। निशा मायके आने पर भी पति की प्रताड़ना और धमकी के बारे में बताती थी। निशा धर्म परिवर्तन करने के लिए तैयार नहीं हुई तो 26 अक्टूबर 2021 की शाम 7 बजे डॉ. इकबाल ने पहले उसे धमकाया, फिर यासीन और मिसरयार को घर बुला लिया। इसके बाद निशा की गला दबाकर हत्या करने के बाद शव पंखे से लटका दिया। मां की हत्या होते देख बेटियां रोने लगीं तो डॉ. इकबाल ने उसे धमकाकर कमरे में बंद कर दिया और साथियों के साथ फरार हो गया। पुलिस ने हत्या, उप्र विधि विरुद्ध धर्म परिवर्तन प्रतिषेध अधिनियम के तहत रिपोर्ट दर्ज कर विवेचना के बाद आरोप पत्र कोर्ट में दाखिल किया था।
बेटी रिया ने दिया बयान .... मेरे सामने मारा मम्मी को
डॉ. इकबाल ने निशा के शव को लटकाकर आत्महत्या का रूप देने की कोशिश की थी। मगर अभियोजन के सात गवाहों ने सारे रहस्यों से पर्दा उठा दिया। इनमें निशा की आठ वर्षीय बेटी रिया भी थी। उसने कोर्ट में बयान दिया था कि उसकी मम्मी को मारने के लिए पापा इकबाल, फूफा यासीन और मिश्रा आये थे। गला घोटकर मम्मी को मारा, फिर उन्हें पंखे से लटका दिया। रस्सी पापा ने पकड़ी थी। उसने अपनी आंखों से मम्मी की हत्या होते देखी थी। बाकी गवाहों में उपनिरीक्षक अनिल कुमार, पोस्टमार्टम करने वाले डॉ. विभू अग्रवाल, हेड मोहर्रिर महेश सिंह, वादिनी मां कौशल्या देवी, भाई सुरेंद्र कुमार जौहरी, हरीश कुमार, इंस्पेक्टर दयाशंकर भी शामिल थे। आरोप था कि डॉ. इकबाल बेटी रिया का भी धर्म परिवर्तन कराने का दबाव बना रहा था। पोस्टमार्टम से साफ हो गया था कि निशा की गला दबाकर हत्या की गई है।
शादी से पहले खुद को राजू शर्मा बताता था इकबाल
निशा की माँ कौशल्या देवी ने बयान दिया कि 10 साल पहले बेटी की शादी हिंदू रीतिरिवाज से अपने गांव मे की थी। इकबाल तब खुद को राजू शर्मा बताया करता था। उनकी बेटी की फोन से बात होती थी। निशा की इच्छा पर उन्होंने उसे गांव बुलाकर शादी की थी। इकबाल के साथ शादी में चार लोग आए थे। शादी के बाद दोनों चुरई दलपतपुर के किराए के मकान में पांच साल रहे। इसी बीच बेटी रिया और रोशनी का जन्म हुआ।