विवादित समाधि स्थल पर पूजा करने पहुंची महिलाओं की पुलिस से झड़प, 21 पर FIR दर्ज
punjabkesari.in Thursday, Nov 06, 2025 - 01:27 PM (IST)
फतेहपुर: फतेहपुर जिले में कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर आबूनगर इलाके में एक विवादित समाधि स्थल पर कथित तौर पर पूजा करने की कोशिश कर रही महिलाओं के एक समूह की पुलिस से झड़प के बाद तनाव फैल गया। अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी। अपर पुलिस अधीक्षक (एएसपी) महेंद्र पाल सिंह ने बताया कि यह घटना बुधवार शाम करीब छह बजे हुई जब कम से कम 20 महिलाएं दीये और पूजा सामग्री लेकर मांगी समाधि स्थल के पास लगे अवरोधकों के पास पहुंचीं।
अधिकारियों ने बताया कि मांगी समाधि स्थल को लेकर अदालत में मुकदमा चल रहा है और इस कारण पुलिस ने कानून-व्यवस्था बनाए रखने के वास्ते प्रवेश रोकने के लिए अवरोधक लगा दिए थे। अधिकारियों ने बताया कि कुछ महिलाओं ने कथित तौर पर अवरोधक हटाने या उन पर चढ़ने की कोशिश की,जिसके बाद पुलिस ने उन्हें रोका। इस पर महिलाओं और थाना प्रभारी (एसएचओ) तारकेश्वर राय के बीच बहस होने लगी।
महिलाओं ने पुलिस पर दुर्व्यवहार करने और उन्हें पूजा करने से रोकने का आरोप लगाया। विवादित जगह तक पहुंचने में असमर्थ महिलाओं ने बाद में ढांचे के सामने वाली गली से आरती और पूजा की। एएसपी ने बताया कि कोतवाली पुलिस थाने में मामला दर्ज किया गया है। महिला कांस्टेबल मंजू सिंह की शिकायत पर दर्ज की गई प्राथमिकी में स्थानीय निवासी पप्पू सिंह चौहान की पत्नी समेत 20 अज्ञात महिलाओं के नाम हैं। सिंह ने बताया कि अभी तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है।
शिकायत में, कांस्टेबल सिंह ने कहा कि वह और अन्य पुलिसकर्मी विवादित मकबरे के पास तैनात थे, शाम करीब छह बजे चौहान की पत्नी के नेतृत्व में महिलाओं के एक समूह ने कथित तौर पर अवरोधक तोड़ने की कोशिश की, अभद्र भाषा का प्रयोग किया और पुलिस पर झूठे आरोप लगाने की धमकी दी। सोशल मीडिया पर कुछ वीडियो सामने आए हैं जिनमें कथित तौर पर महिलाएं पुलिस से बहस करती और दूर से पूजा करती दिखाई दे रही हैं, हालांकि इन वीडियो की प्रामाणिकता की स्वतंत्र रूप से पुष्टि नहीं हुई है।
मांगी मकबरे स्थल पर 11 अगस्त से कड़ी सुरक्षा व्यवस्था है, जब हिंदू संगठनों के सदस्यों ने दावा किया था कि यह मूल रूप से 'ठाकुर जी' को समर्पित एक मंदिर था और उन्होंने पूजा करने की अनुमति मांगी थी। उन्होंने आरोप लगाया कि नवाब अबू समद का मकबरा एक प्राचीन मंदिर को तोड़कर बनाया गया था। उस समय के वीडियो में कथित तौर पर तोड़फोड़ और उस स्थान पर केसरिया झंडा फहरते हुए दिखाई दे रहा है।
अगस्त की घटना के बाद जिला प्रशासन ने परिसर को सील कर दिया था और अवरोधक लगा दिए थे। पूर्व में भारतीय जनता पार्टी की ज़िला इकाई के अध्यक्ष मुखलाल पाल ने चेतावनी दी थी कि वह और हिंदू संगठनों के सदस्य उस जगह पर पूजा-अर्चना करेंगे। उन्होंने ढांचे के अंदर मौजूद त्रिशूल और कमल की नक्काशी को इसके हिंदू मूल का होने का प्रमाण बताया था। अधिकारियों ने कहा कि मामला न्यायालय में विचाराधीन है और सार्वजनिक व्यवस्था भंग करने वाली किसी भी गतिविधि को रोकने के लिए सख्त आदेश जारी किए गए हैं।

