किसानों की मेहनत पर पानी फेर सकता है यमुना का प्रदूषित जल, 2300 हेक्टेअर भूमि के बंजर होने का खतरा
punjabkesari.in Tuesday, Feb 09, 2021 - 09:46 AM (IST)

हमीरपुर: उत्तर प्रदेश के हमीरपुर जिले में यमुना नदी में तीन माह से आ रहे प्रदूषित पानी से हो रही फसलों की सिंचाई से न केवल उत्पादन प्रभावित होगा बल्कि जमीन बंजर होने का खतरा उत्पन्न हो गया है। इस मामले में शासन और जन प्रतिनिधि चुप्पी साधे हुये बैठा है। कृषि बैज्ञानिक डा. एसपी सोनकर ने बताया कि दिल्ली, मथुरा, आगरा से यमुना नदी में कारखानो व कचरायुक्त पानी आने से लोग तरह तरह की अटकले लगा रहे है। नदी का जल इतना काला व बदबूयुक्त है कि केद्रीय जल आयोग के एसडीओ अनुज शर्मा ने साफ कहा है कि जांच में यमुना नदी का जल पीने योग्य नहीं बचा है।
जिले में यमुना नदी से चार लिफ्ट कैनालों में 2300 हेक्टेएयर फसल की सिचाई होती है। लिफ्ट कैनाल के अधिशासी अभियंता एसके त्रिवेदी ने बताया कि पत्यौरा लिफ्ट कैनाल मे 18 सौ हेक्टेएअर, मीरापुर पंप कैनाल से 2300 हेक्टएअर, भौली कैनाल से 500 और बिलौटा कैनाल से 500 हेक्टेएअर से फसल की सिचाई होती है। कृषि बैज्ञानिक ने दावा किया है कि प्रदूषित जल से सिचाई करने से खेत की मिट्टी क्षारीय हो जाती है जिससे न केवल फसल उत्पादन प्रभावित होता है बल्कि जमीन के बंजर होने का खतरा उत्पन्न हो जाता है जिससे किसान का बेहद नुकसान हो सकता है।
जल आयोग का कहना है कि आगरा से बहने वाले यमुना नदी का जल इतना प्रदूषित है कि पानी से झाग निकलती है ऐसा पहली मर्तवा हो रहा है, कि यमुना नदी का जल इतना गंदा हुआ है, दो सप्ताह पहले बुन्देलखंड विकास बोडर् के उपाध्यक्ष राजा बुंदेला के सामने गंदे पानी का मुद्दा उठाया गया था और उन्होने आश्वासन दिया था कि इस मामले को वह मुख्यमंत्री से जाकर बात करेगे और यमुना नदी में कचरायुक्त पानी डालने पर रोक लगायेंगे मगर अभी तक कोई कार्यवाही नहीं हुयी है।
उधर, भारतीय किसान यूनियन ने जिलाध्यक्ष निरंजन सिंह राजपूत का कहना है कि यदि शासन व प्रशासन ने यमुना नदी के प्रदूषित जल में रोक नहीं लगायी तो धरना प्रदर्शन करेगे जिसकी जिम्मेदारी शासन की होगी वही खेती में मंडरा रहे इस संकट के बादल की ओर कोई भी जनप्रतिनिधि ध्यान नही दे रहा है।