योगी आदित्यनाथ ने कहा- पहले लोग केवल मनुष्य को स्मार्ट कहते थे, लेकिन PM मोदी ने सिटी को भी ''स्मार्ट'' बना दिया

punjabkesari.in Wednesday, Mar 13, 2024 - 10:21 AM (IST)

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि पहले लोग केवल मनुष्य को कहते थे कि बड़ा स्माटर् बन रहा है, लेकिन प्रधानमंत्री ने सिटी को भी‘स्मार्ट' बना दिया। इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में नगर विकास विभाग की 11 हजार करोड़ रुपए की 3419 विकास परियोजनाओं का लोकार्पण-शिलान्यास के अवसर  उन्होंने कहा कि यह नए भारत का नया उत्तर प्रदेश है, जो विकास भी करता है और विरासत को संरक्षित भी करता है। युवाओं के आजीविका की व्यवस्था करता है और आमजन की आस्था को सम्मान भी देता है। प्रदेश में सुरक्षा का बेहतर माहौल देता है तो प्रदेश को समृद्धि के नित नए सोपान की ओर से अग्रसर करने के लिए प्रतिबद्धता से कार्य भी करता है। नए भारत के नए उत्तर प्रदेश की इस गति में जब प्रदेश का हर नागरिक सहभागी बनता है, तब पीएम मोदी के विकसित भारत के संकल्प की प्रतिपूर्ति होती है। हर भारतवासी का संकल्प होना चाहिए कि हमारा देश विकसित भारत बने। 2017 में 24 फीसदी आबादी नगरीय क्षेत्रों में रहती थी, आज यह आबादी 30 फीसदी है और आने वाले पांच वर्ष में उप्र में यह आबादी 40 फीसदी पहुंचने वाली है।       

मुख्यमंत्री ने कहा कि पहली बार नगर विकास विभाग की ओर से इतने बड़े पैमाने पर योजनाओं का लोकार्पण-शिलान्यास हो रहा है। सात साल पहले नगर विकास विभाग का जितना बजट था, उसका तीन गुना केवल एक साथ लोकार्पित-शिलान्यास हो रहा है। उन्होने बताया कि 112 नए नगर निकायों का गठन हुआ। तीन नए नगर निगम भी बनाए गए। नगर पालिका परिषद व नई नगर पंचायतें गठित हुईं। उनके क्षेत्रफल को बढ़ाया गया। स्माटर् सिटी व अमृत मिशन के साथ ही ऐसी तमाम स्कीमें लाई गईं, जिनकी ईज ऑफ लिविंग के लक्ष्य को प्राप्त करने में बड़ी भूमिका है। पहले लोग केवल मनुष्य को कहते थे कि बड़ा स्माटर् बन रहा है, लेकिन प्रधानमंत्री ने सिटी को भी‘स्माटर्'बना दिया। भारत सरकार के सहयोग से 10 और राज्य स्माटर् सिटी मिशन के अंतर्गत सात नगर निगम समेत यूपी के कुल 17 नगर निगम स्माटर् सिटी बन रहे हैं। उप्र देश का पहला राज्य है, जो सभी नगर निगमों को स्माटर् सिटी मिशन के साथ जोड़कर काम कर रहा है।       

योगी ने कहा कि हमारा पहला संकल्प क्या होना चाहिए। जब हम चुनते हैं तो बिना किसी खर्चे, अतिरिक्त प्रयास के चेयरमैन-पार्षद के रूप में हर वाडर् में स्वच्छता समिति का गठन करके उनके माध्यम से सुबह-शाम आधा-एक घंटे घूम लें तो स्वच्छता के लक्ष्य को हासिल कर सकते हैं। डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन की कारर्वाई हो, सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट के लिए किए जाने प्रयासों में सहभागी बन जाएं। सीएम ने कहा कि 2017 के पहले जब नगरों में निकलते थे तो बिजली आती नहीं थी। यदि आती भी थी तो स्ट्रीट लाइट आधी-अधूरी जलती थी, कोई पीली तो कोई सफेद जलती थी। लाइट इतनी कम रहती थी कि स्ट्रीट लाइट ठीक ढंग से काम नहीं करती थी। हम लोगों ने प्रदेश में फ्री में 16 लाख एलईडी स्ट्रीट लाइट लगाई। दूधिया लाइट से आज सभी नगर निकाय क्षेत्र चमकते हैं। स्ट्रीट लाइट के परिणामस्वरूप कार्बन उत्सर्जन व बिजली के खपत को कम किया गया। एक जैसी स्ट्रीट लाइट होने के कारण स्मार्ट सिटी के मिशन को पूरा करने व पीएम के विजन के अनुरूप कम से कम कार्बन उत्सर्जन के लक्ष्य को प्राप्त करने में नगर निकाय योगदान दे रहे हैं। 


 


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Content Writer

Tamanna Bhardwaj

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