‘आपका नाम मनी लॉन्ड्रिंग में है…’ लखनऊ में रिटायर्ड IAS अफसर साइबर ठगी का शिकार, दो दिन ‘डिजिटल अरेस्ट’ में रहकर गंवाए 12 लाख रुपये
punjabkesari.in Wednesday, Sep 10, 2025 - 12:38 AM (IST)

Lucknow News: उत्तर प्रदेश की राजधानी से एक चौंकाने वाला साइबर क्राइम मामला सामने आया है, जहां 77 वर्षीय रिटायर्ड IAS अधिकारी को ठगों ने "मनी लॉन्ड्रिंग" का डर दिखाकर दो दिनों तक डिजिटल अरेस्ट में रखा और उनसे ₹12 लाख रुपये की ठगी कर ली। पीड़ित अधिकारी कृपा शंकर गौतम, जो केंद्रीय मंत्रालय में संयुक्त निदेशक पद से सेवानिवृत्त हुए हैं, ने अब साइबर क्राइम थाने में केस दर्ज कराया है। पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
ठगी की शुरुआत एक फोन कॉल से
घटना 2 सितंबर को शुरू हुई जब खुद को एयरटेल ऑफिस से बताने वाली एक महिला का फोन आया। उसने बताया कि उनका फोन बंद किया जा रहा है और कुछ ही देर में "पुलिस विभाग" से कॉल आएगा। जल्द ही एक व्यक्ति, जिसने खुद को "गोपेश कुमार" नामक पुलिस अधिकारी बताया, ने वीडियो कॉल पर संपर्क किया। वह पुलिस वर्दी में था और उसके साथ दो अन्य व्यक्ति भी दिखाई दिए। इसके बाद शुरू हुई मानसिक रूप से थका देने वाली एक ठगी स्क्रिप्ट।
मनी लॉन्ड्रिंग, गिरफ्तारी आदेश और फर्जी कोर्ट पेपर्स
गोपेश कुमार ने दावा किया कि कृपा शंकर गौतम का नाम मनी लॉन्ड्रिंग केस में है और उनके आधार कार्ड से खरीदी गई सिम से महिलाओं को परेशान करने वाली 200+ शिकायतें दर्ज हैं। इसके बाद ठग ने वाट्सएप पर फर्जी गिरफ्तारी वारंट, मनी लॉन्ड्रिंग रिपोर्ट, और सुप्रीम कोर्ट का सर्टिफिकेट भेजा – जिन्हें जल्दी ही डिलीट कर दिया गया।
बैंक खातों की जानकारी लेकर ₹12 लाख ट्रांसफर कराए
ठगों ने पीड़ित से उनके पंजाब नेशनल बैंक और बैंक ऑफ बड़ौदा के खातों की जानकारी मांगी और फिर ₹12 लाख रुपये को RTGS के जरिए इंडसइंड बैंक के खाते में ट्रांसफर करने के लिए कहा। 3 सितंबर को कृपा शंकर गौतम ने अपने खाते से ₹12 लाख ट्रांसफर कर दिए।
भतीजी भी हुई ठगी के प्लान का हिस्सा
वीडियो कॉल के दौरान पीड़ित की भतीजी मीनाक्षी भी मौजूद थीं। ठग ने उससे भी बात की और कहा कि वह इस बारे में किसी से बात न करे। शिकायत में बताया गया कि जैसे ही ठगों ने भेजे गए दस्तावेजों को डिलीट किया, पीड़ित को संदेह हुआ और फिर उन्हें ठगी का अहसास हुआ। इसके बाद उन्होंने तुरंत साइबर क्राइम थाना, लखनऊ में शिकायत दर्ज कराई।
पुलिस जांच जारी, रिटायर्ड अफसरों को भी बना रहे हैं निशाना
लखनऊ पुलिस ने मामले को गंभीरता से लेते हुए FIR दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। यह घटना बुजुर्ग नागरिकों और रिटायर्ड अधिकारियों को टारगेट करने वाले साइबर गिरोहों की बढ़ती चुनौती को उजागर करती है।