फर्जी फर्मों के सहारे 100 करोड़ का काला कारोबार! अवैध कफ सिरप का सरगना शुभम जायसवाल विदेश फरार, लुकआउट नोटिस जारी
punjabkesari.in Monday, Nov 24, 2025 - 01:27 PM (IST)
वाराणसी: उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले में प्रतिबंधित कोडीन युक्त कफ सिरप के अवैध व्यापार में शामिल एक बड़े नेटवर्क का पर्दाफाश हुआ है। खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन की टीम ने राज्यभर में फैले इस गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए मुख्य सरगना शुभम जायसवाल, उसके पिता भोला प्रसाद और 28 अन्य दवा कारोबारियों के खिलाफ मामला दर्ज कराया है। अधिकारियों के मुताबिक, गिरोह ने लाखों फर्जी बिल तैयार कर 89 लाख शीशियों की खरीद-बिक्री दिखाई, जिसकी अनुमानित कीमत 100 करोड़ रुपये से अधिक है।
यूपी सहित कई राज्यों में फैला है तस्करों का करोबार
अधिकारियों ने बताया कि यह रैकेट न सिर्फ वाराणसी बल्कि कई राज्यों में सक्रिय था। जांच में सामने आया कि काशी के 93 मेडिकल स्टोरों के नाम पर 84 लाख शीशियों की लेन-देन दिखाया गया, जबकि इनमें से अधिकांश स्टोर मौके पर मौजूद ही नहीं थे। टीम ने पाया कि इन फर्मों का इस्तेमाल सिर्फ कफ सिरप के अवैध कारोबार को वैध दिखाने के लिए किया जाता था।
विशेष अभियान चला कर की गई छापे मारी
आयुक्त रोशन जैकब के निर्देश पर 12–14 नवंबर तक चलाए गए विशेष अभियान में टीमों ने रांची स्थित मेसर्स शैली ट्रेडर्स और वाराणसी के न्यू बुद्धि फार्मा सहित कई फर्मों की गहन जांच की। जांच में यह भी सामने आया कि शुभम जायसवाल एक ही अवधि में दोनों कंपनियों से जुड़ा हुआ था, जो औषधि नियमों का सीधा उल्लंघन है।
2 करोड़ की कोडीन युक्त कफ सिरप बरामद
जांच के दौरान अब वाराणसी में एक जिम के नीचे स्थित गोदाम से करीब 2 करोड़ रुपये की कोडीन आधारित कफ सिरप बरामद हुई है। पेंट की बाल्टियों के भीतर रखी इन बोतलों का सुराग भी सीधे शुभम जायसवाल से जुड़ रहा है। डीसीपी वरुणा जोन प्रमोद कुमार ने बताया कि बरामद सिरप और पैटर्न की बारीकी से जांच की जा रही है।
बांग्लादेश में 8–10 गुना कीमत पर बिकती थी बोतलें
सूत्रों के अनुसार, तस्करी का अंतिम ठिकाना बांग्लादेश था। पश्चिम बंगाल बॉर्डर तक खेप पहुंचाने के बाद, छोटे कैरियर साइकिल आदि माध्यमों से इसे सीमा पार कराते थे। बांग्लादेश में इसकी कीमत भारत की तुलना में 8 से 10 गुना अधिक मिलती थी। इसी गैरकानूनी कारोबार ने शुभम को महज तीन वर्षों में करोड़ों की अवैध संपत्ति का मालिक बना दिया।
कैसे चल रहा था नेटवर्क?
फर्जी GST और लाइसेंस नंबरों के जरिए अवैध बिलिंग की गई। बंद फर्मों के नाम पर भारी मात्रा में सिरप बेचा गया। बताया जा रहा है कि ये सीरफ नशे के रूप में उपयोग होने के लिए विभिन्न शहरों में भेजा गया। कुछ प्रोपराइटर असल में दवा व्यवसाय से जुड़े भी नहीं थे। अधिकारियों ने बताया कि नौ फर्में तो पूरी तरह बंद थीं, लेकिन उन्हीं के नाम पर लाखों की बिलिंग मिलती रही। इनमें श्री बालाजी मेडिकल, डीएमए फार्मा, सृष्टि फार्मा और निशांत फार्मा शामिल हैं।
गिरोह का मास्टरमाइंड चल रहा है फरार
गिरोह का मास्टरमाइंड शुभम जायसवाल फिलहाल विदेश भाग चुका है और गाजियाबाद पुलिस उसके खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी करने की तैयारी कर रही है। पुलिस की कई टीमें फरार आरोपियों की तलाश में लगातार दबिश दे रही हैं।
आज़ाद अधिकार सेना ने कार्रवाई की उठाई मांग
कफ सिरप मामले को लेकर आज़ाद अधिकार सेना ने डीजीपी उत्तर प्रदेश के कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने पत्र के माध्यम से कहा कि मुख्य अभियुक्त वाराणसी के शुभम जायसवाल के पीछे जौनपुर के अमित सिंह टाटा का हाथ और सहयोग होने के तथ्य लगातार मामने आ रहे हैं। कुछ वीडियो वायरल हो रहे हैं जिसमें शुभम जायसवाल और अमित सिंह टाटा लोगों को बंधक बनाकर पीटते हुए दिख रहे हैं।
अमित सिंह टाटा, शुभम जायसवाल के खिलाफ हो जांच
वीडियो में दिखाई गई घटनाएं गंभीर आपराधिक धाराओं के दायरे में आती है जिसमें मारपीट, बंधक बनाना, धमकी देना और जबरन उत्पीडन शामिल है। वायरल विडियो के अनुसार अमित सिंह टाटा पहले मुन्न बजरंगी के साथ थे और बागपत जेल में मुझ बजरंगी की हत्या के बाद जौनपुर के एक अन्य बाहुबली के साथ ही गए और इन अमित सिंह टाटा द्वारा शुभम जायसवाल को अवैध कफ सिरप व्यवसाय में साथ एवं संरक्षण प्राप्त है। जिनपर तत्काल गहन अनुसन्धान आवश्यक है. अतः आपसे अनुरोध है कि कृपया इन तथ्यों का संज्ञान लेते हुए विडियो में सामने आ रहे अपराध के संबंध में एफआईआर दर्ज कर कार्रवाई करने के साथ ही कफ सिरप मामले में अमित सिंह टाटा की भूमिका की गहन विवेचना किए जाने की मांग उठाई है।

