गुजारा भत्ता मामले में हाईकोर्ट का महत्वपूर्ण फैसलाः पति के मूल वेतन का 25 प्रतिशत भरण-पोषण के रूप में देना उचित

punjabkesari.in Thursday, Mar 14, 2024 - 06:45 PM (IST)

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गुजारा भत्ता के मामले में महत्वपूर्ण फैसला देते हुए कहा कि पति के मूल वेतन का 25% पत्नी को भरण-पोषण के रूप में दिया जाना उचित और न्याय संगत है। पत्नी को दी जाने वाली स्थायी गुजारा भत्ता राशि दोनों पक्षों की स्थिति और पति या पत्नी की भरण- पोषण देने की क्षमता के अनुरूप होनी चाहिए। उक्त टिप्पणी न्यायमूर्ति सुरेंद्र सिंह (प्रथम) की एकल पीठ ने राखी उर्फ रेखा की आपराधिक पुनरीक्षण याचिका को स्वीकार करते हुए परिवार न्यायालय, अमरोहा द्वारा 5 हजार रुपए के मासिक रखरखाव को 10 हजार रुपए करते हुए की।

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गुजारा भत्ता बढ़ाने को लेकर याची ने दाखिल की थी याचिका
याची ने हाईकोर्ट में गुजारा भत्ता बढ़ाने को लेकर याचिका दाखिल की थी। याची का दावा है कि उसके पति नौसेना में हैं और प्रतिमाह लगभग 40 हजार का मासिक वेतन अर्जित करते हैं, जबकि विपक्षी (पति) के अधिवक्ता ने तर्क दिया कि याची बी.ए. पास है तथा ट्यूशन पढ़ाकर 10 हजार प्रतिमाह कमाती है। लेकिन इस तथ्य को विपक्षी के वकील दस्तावेज के माध्यम से कोर्ट को संतुष्ट नहीं कर पाए। कोर्ट ने याची की गुजारा भत्ता बढ़ाने की प्रार्थना को स्वीकार कर लिया।

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कृष्ण कूप पर बसौड़ा पूजा की अनुमति मांगी
प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट में श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद मामले में बुधवार को हुई सुनवाई के दौरान वादी आशुतोष पांडेय ने व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में प्रस्तुत होकर हलफनामे के साथ एक आवेदन प्रस्तुत किया जिसमें यह उल्लेख किया गया है कि प्रतिवर्ष बसौड़ा पूजा के रूप में कृष्ण कूप पर हिंदू भक्त पूजा अर्चना करते हैं। इस वर्ष यह पूजा एक अप्रैल को माता शीतला सप्तमी और 2 अप्रैल को माता शीतला अष्टमी के रूप में पड़ रही है। उक्त तिथियों पर परंपरा के अनुसार हिंदू पक्ष को विपक्षियों द्वारा कृष्ण कूप पर पूजा करने से रोका जा रहा हैं। आवेदन में वादी पक्ष ने विपक्षी के लिए निर्देश मांगा है कि शाही ईदगाह मस्जिद में स्थित कृष्ण कूप पर पूजा करने के लिए हिंदू भक्तों को रोका न जाए। कोर्ट ने वादी पक्ष द्वारा दाखिल आवेदन के खिलाफ विपक्षियों को दिनांक 15 मार्च तक जवाब दाखिल करने के लिए समय दिया और अगली सुनवाई यानी 20 मार्च तक जवाब दाखिल नहीं किया जाता है तो किसी भी आपत्ति पर विचार किए बिना फैसला किया जाएगा।


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Content Writer

Ajay kumar

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