बेजुबानों के खून का सौदा! कुत्तों की नसों से खून निकालकर बेच रहा गैंग, दिल दहला देगी ये खबर
punjabkesari.in Friday, May 24, 2024 - 01:36 PM (IST)
Bareilly News: इंसानों के खून के सौदागरी के मामले तो आपने कई सुने होंगे, लेकिन अब जानवर भी इस सौदागरी से अछूते नहीं रहे हैं। ताजा मामला बरेली का है। जहां सड़कों पर घूमने वालों कुत्तों को पहले पकड़ा जाता है, फिर उनकी नसों से खून को खिंचा जाता है और फिर उसको ऊंची कीमतों में बेचा जाता है। मेनका गांधी के हस्तक्षेप के बाद जानवरों के खून के सौदागरों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया है।
खून को मोटे दामों में बेच रहा गिरोह
पीपल फॉर एनिमल्स (पीएफए) के सदस्यों के मुताबिक, कई दिनों से ऐसे गिरोह के बारे में सूचना मिल रही थी जो सड़क पर घूमने वाले कुत्तों का खून निकाल रहा है। गिरोह खून को मोटे दामों में बेच रहा है। पशु-पक्षी हॉस्पिटल चौबारी की ओर से की गई शिकायत में आरोप लगाया है कि घी मंडी निवासी वैभव शर्मा ने 20 मई को बिशप मंडल इंटर कॉलेज के सामने से कई सारे लावारिस कुत्तों को पकड़ लिया है। आरोप है कि वैभव लावारिस कुत्तों को पकड़ कर उनका खून निकाल कर बेचता है।
लावारिस कुत्तों को आसानी से पकड़ने में माहिर गिरोह
कोतवाली पुलिस का कहना है कि मामले की जांच की जा रही है। गिरोह सड़क पर घूमने वाले लावारिस कुत्तों को टारगेट करता है। उन्हें पकड़कर खून निकालता और फिर इसकी बिक्री करता है। पीएफए सदस्यों का दावा है कि आरोपी वैभव शर्मा, कुत्तों की नसबंदी करने वाली, नगर निगम की टीम के साथ काम कर चुका है। इसलिए भी वह लावारिस कुत्तों को आसानी से पकड़ने में माहिर है। इससे पहले सांसद मेनका गांधी ने पुलिस अधिकारियों को कॉल करके शिकायत की थी। कोतवाली में दोनों पक्षों के साथ ही नगर निगम की कुत्ता पकड़ने वाली टीम बुलाई गई। यहां तीखी बहस के बाद भी नतीजा नहीं निकला तो वैभव के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई गई।
आरोप बिल्कुल निराधार हैं- आरोपी वैभव
वहीं, आरोपी पक्ष का कहना है कि हमें गलत तरह से परेशान किया जा रहा है। अब पुलिस पूरे मामले में जांच में जुटी है। संस्था के पदाधिकारियों के आरोपों पर नगर निगम भी जांच कर रहा है। वैभव का कहना था कि आरोप बिल्कुल निराधार हैं। वह लोगों की शिकायत पर कुत्ता पकड़ने और उनकी देखभाल का काम जरूर करते हैं। अपने ऊपर लगे कुत्तों का खून निकालकर बेचने के आरोपों को सिरे से खारिज किया है।
5 से 10 हजार रुपये में बेचता है खून
रसूखदारों को जब उनके कुत्ते के लिए खून की जरूरत पड़ती है तो वह वैभव से संपर्क करते हैं। इसके काम के लिए वैभव पांच से दस हजार रुपये लेता है। पशु-प्रेमी और संरक्षण के लिए काम करने वाली पीएफए सदस्यों का कहना है कि कुत्तों का खून कुत्तों के ही उपयोग में आता है। अमीर और रसूखदार लोगों का जब कुत्ता बीमार हो जाता है और उन्हें अपने कुत्ते के लिए खून की जरूरत पड़ती है, तो वह खून की तलाश करते हैं। ऐसे में ये लोग इन्हीं रसूखदारों को खून उपलब्ध कराते हैं और इसके एवज में पांच से दस हजार रुपये तक लेते हैं।