CRPF जवान की याचिका पर हाईकोर्ट का महत्वपूर्ण निर्णय, कहा- HIV पॉजिटिव जवान को प्रोन्नति से इनकार करना मौलिक अधिकारों का उल्लंघन

punjabkesari.in Thursday, Jul 20, 2023 - 03:54 PM (IST)

लखनऊ : हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने अपने एक महत्वपूर्ण निर्णय में कहा है कि एचआईवी पॉजिटिव होने के आधार पर किसी व्यक्ति को प्रोन्नति से इंकार करना लोक नियोजन में भेदभाव न करने, समानता के अधिकार व जीवन की स्वतंत्रता के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है। न्यायालय ने स्पष्ट किया है कि सीआरपीएफ का एचआईवी पॉजिटिव जवान भी सामान्य जवानों की तरह प्रोन्नति का बराबर का हकदार है।

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अपीलार्थी की प्रोन्नति के खिलाफ सभी आदेश खारिज
इन टिप्पणियों के साथ न्यायालय ने उन सभी आदेशों को खारिज कर दिया जो अपीलार्थी की प्रोन्नति के खिलाफ थे। यह निर्णय न्यायमूर्ति देवेन्द्र कुमार उपाध्याय और न्यायमूर्ति ओम प्रकाश शुक्ला की खंडपीठ ने सीआरपीएफ में कांस्टेबिल पद पर तैनात एक जवान की विशेष अपील को मंजूर करते हुए पारित किया उक्त अपील में अपीलार्थी ने एकल पीठ के उस आदेश को चुनौती दी थी जिसमें प्रोन्नति की मांग वाली उसकी याचिका को खारिज कर दिया गया था।  

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HIV पॉजिटिव होने के आधार पर भेदभाव नहीं किया जा सकता
न्यायालय ने पाया कि अपीलार्थी की केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल में 28 अगस्त 1993 को कांस्टेबिल के पद पर भर्ती हुई थी, वर्ष 2008 में उसके एचआईवी पॉजिटिव होने का पता चला। हालांकि वर्ष 2013 की प्रोन्नति सूची में उसे भी स्थान दिया गया लेकिन इसी वर्ष हुए दूसरे मेडिकल परीक्षण में उसे मेडिकली कैटेगरी में रखे जाने के कारण उसका नाम प्रोन्नति सूची से निकाल दिया गया। न्यायालय ने मामले के सभी पहलुओं पर सुनवाई के उपरांत पारित अपने निर्णय में कहा कि भारत में किसी के भी साथ उसके एचआईवी पॉजिटिव होने के आधार पर भेदभाव नहीं किया जा सकता।


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Content Writer

Ajay kumar

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