अभी पता नहीं BJP और कितने कुंभ बनाएगी: अखिलेश

punjabkesari.in Sunday, Oct 28, 2018 - 09:44 AM (IST)

लखनऊ: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है कि शब्दकोष से नए-नए शब्दों की खोज में भाजपा नेताओं का कोई जवाब नहीं। अभी तक सदियों से लोग कुंभ और अर्ध कुंभ से परिचित थे। भाजपा सरकार ने इस वर्ष इलाहाबाद में लगने वाले अर्ध कुंभ को कुंभ प्रचारित कर दिया। किसान अभी तक गोष्ठियों, सैमीनारों और सम्मेलनों में भागीदारी करते थे।

भाजपा सरकार ने इस वर्ष कृषि कुंभ ईजाद कर दिया। अभी पता नहीं भाजपा और कितने कुंभ बनाएगी। भाजपा को सारे संसाधन चूंकि पूंजी घरानों से ही मिलते हैं इसलिए उनके हितों का पोषण-संरक्षण उसकी प्राथमिकता में रहता है। किसान अपनी कर्ज माफी के लिए आज भी आंदोलित हैं, बैंक उनसे वसूली करने लगे हैं, फसल का न्यूनतम समर्थन मूल्य भी किसान को नहीं मिल रहा है। इन सबसे परेशान 50,000 से ज्यादा किसान भाजपा राज में आत्महत्या कर चुके हैं। आलू किसानों को घोषित समर्थन मूल्य का अता-पता नहीं है।

गन्ना किसानों का 10,000 करोड़ रुपया अभी भी बकाया है, जबकि चीनी मिलों का पेराई सत्र प्रारम्भ होने वाला है। सच तो यह है कि कृषि कुंभ तो एक बहाना है। भाजपा की किसान विरोधी नीति से ध्यान भटकाना है। इस कुंभ में जो किसान आए वे अपनी बात कहने के लिए तरसते रह गए। किसानों का वोट हथियाने के लिए संकल्प पत्र में जो वायदे किए गए थे उनके बारे में भी तो इस कुंभ में बताना चाहिए था, लेकिन भाजपा सरकार ने जब कुछ किया धरा ही नहीं तो वह किसानों को बताती क्या।

प्रधानमंत्री ने सोलर पैनल की बात ऐसे की जैसे वह उसकी कोई अपनी योजना हो, जबकि हकीकत यह है कि वह समाजवादी सरकार की योजनाओं का ही झूठा श्रेय ले रहे हैं। समाजवादी सरकार में सोलर प्लांट लगा था और लोहिया आवास में सोलर लाइट लगाई जा रही थी। सबसे पहले समाजवादी सरकार में ही मुफ्त सोलर पैनल और पम्प दिए गए थे। भाजपा अब तक नहीं बता पाई है कि उसने कितने किसानों का कर्ज माफ  किया।

डीजल-पेट्रोल, खाद-बीज की महंगाई क्यों नहीं रुक रही और गन्ना डिलीवरी के 14 दिनों के अंदर भुगतान के वायदे का क्या हुआ। मुख्यमंत्री तो कह रहे हैं कि गन्ने की खेती ही बंद हो क्योंकि उससे डायबिटीज रोग होता है। वैसे भी मुख्यमंत्री जी के फार्मूले अजीबो-गरीब होते हैं जैसे बंदर उत्पात करें तो हनुमान चालीसा पढ़ा जाए। समाजवादी सरकार में 50 हजार तक के लोन माफ करते हुए 7,86,1,67 किसानों को सीधा फायदा पहुंचा था। भाजपा सरकार की उलटी-सीधी हरकतों के कारण ही उत्तर प्रदेश शीर्ष आसन में ट्रोल कर गया है। राज्य की भाजपा सरकार ने 20 माह से कम समय में उत्तर प्रदेश को विकास में 20 वर्ष पीछे धकेल दिया है। उत्तर प्रदेश को बर्बादी के कगार पर पहुंचाने का श्रेय भाजपा को ही जाएगा।


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