मच्छरदानी का प्रयोग करें फाइलेरिया के रोगी, साल भर में एक बार खाएं दवा

punjabkesari.in Tuesday, Feb 07, 2023 - 07:10 PM (IST)

संतकबीरनगर (मिथिलेश कुमार धुरिया): फाइलेरिया एक लाइलाज बीमारी है। इस रोग से ग्रसित मरीज के रोग को जड़ से समाप्त नहीं किया जा सकता है, लेकिन उसके दुख को कम किया जा सकता है। फाइलेरिया से ग्रसित मरीज अपने फाइलेरिया ग्रसित अंगों को स्वच्छ रखकर उसके बढ़ने से रोक सकते हैं तथा इससे होने वाले दुख से छुटकारा पा सकते हैं। फाइलेरिया का इलाज नहीं है लेकिन साल में एक बार पांच साल तक मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन यानी एमडीए राउंड के दौरान दवा के सेवन से इससे बचा जा सकता है।  यह दवा रक्त में मौजूद फाइलेरिया के परजीवी को मार देती हैं। यह बातें अपर मुख्‍य चिकित्‍साधिकारी तथा वेक्टर बॉर्न डिजीज कंट्रोल प्रोग्राम के नोडल डॉ वी पी पांडेय ने फाइलेरिया मरीजों को रुग्णता प्रबन्धन एवं दिव्यांग निवारण (एमएमडीपी) किट के वितरण के बारे में जानकारी देते हुए कहीं।

PunjabKesari

हाइड्रोसील भी फाइलेरिया का ही रूप
उन्होंने बताया कि जनपद में कुल 491 फाइलेरिया रोगी लिम्‍फोडमा के हैं। इन सभी रोगियों के लिए  एमएमडीपी किट जिले के सभी ब्‍लॉक स्‍तरीय चिकित्‍सा इकाइयों पर पहुंचा दी गयी है। इसके साथ ही स्‍वास्‍थ्‍य इकाई के चयनित  स्‍टॉफ को इस किट के प्रयोग की जानकारी भी दे दी गयी है। इसको वितरित करने के साथ ही प्रशिक्षण भी दिया रहा है। उन्‍होने यह भी बताया कि जिले में कुल 133 रोगी ऐसे हैं जो हाइड्रोसील से पीड़ित हैं। यह भी फाइलेरिया का ही रुप है। इन रोगियों के ऑपरेशन की व्‍यवस्‍था की जा रही है।

PunjabKesari
 

फाइलेरिया के रोगियों को वितरण किया गया किट
डॉ पांडेय ने बताया कि नगरीय प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र कांशीराम नगर में फाइलेरिया के रोगियों को किट का वितरण किया गया। फाइलेरिया रोगी कांशीराम आवासीय क्षेत्र निवासी 42 वर्षीय मोहम्‍मद इस्‍लाम ने बताया कि उन्‍हे रोग प्रबन्धन का सारा सामान मिला है तथा वहां पर आए स्‍वास्‍थ्‍य विभाग के लोगों ने इसके इस्‍तेमाल के बारे में बताया। हम इसका इस्तेमाल कर रहे हैं। इससे काफी फायदा है। डॉ पांडेय ने बताया कि रोगियों की सुविधा के लिए स्‍वास्‍थ्‍य केन्‍द्र पर किट रखवा दी गयी है। वह आकर अपनी सुविधानुसार किट प्राप्‍त कर लें तथा उसका प्रयोग करें। किट के वितरण में मलेरिया निरीक्षक प्रेम प्रकाश कुमार, दीपक यादव, अतिन कुमार श्रीवास्तव के साथ ही एसएलटी संजय कुमार श्रीवास्तव सहयोग कर रहे है।

PunjabKesari

ग्रसित अंगों को साफ करने का बताया तरीका
मलेरिया निरीक्षक दीपक कुमार ने मरीजों को फाइलेरिया ग्रसित अंगों को साफ करने के तरीके के बारे में खुद एक फाइलेरिया के मरीज का पैर धोकर बताया। उन्‍होने बताया कि टब में नार्मल पानी ले, पैर पर पानी ऊपर से नीचे की तरफ गिराएं। हाथ में साबुन का झाग बनाएं तथा उसी झाग को पैर पर ऊपर से नीचे की तरफ लगाएं। चमड़ी में जहां भी फोल्‍ड है वहां पर झाग जरुर पहुंचे। इसके बाद तौलिया से दबाकर सुखाएं। सूखने के बाद एंटीफंगल क्रीम फोल्‍ड पर लगाकर छोड़ दें, रगड़ें नहीं। रात में सोए तो पैर ऊंचा करके सोएं। नगें पाँव न चलें, पट्टे वाली चप्पल पहनें।

फाइलेरिया के लक्षण
आमतौर पर फाइलेरिया के कोई लक्षण स्पष्ट रूप से दिखाई नहीं देते, लेकिन बुखार, बदन में खुजली और पुरुषों के जननांग और उसके आसपास दर्द व सूजन की समस्या दिखाई देती है। इसके अलावा पैरों और हाथों में सूजन, महिलाओं के स्तन में सूजन, हाथी पांव और हाइड्रोसिल (अंडकोषों में सूजन) भी फाइलेरिया के लक्षण हैं। कई बार फाइलेरिया संक्रमण के पंद्रह से बीस वर्षों  तक इसके लक्षण नजर नहीं आते। फाइलेरिया न सिर्फ व्यक्ति को दिव्यांग बना देता है, बल्कि  इससे मरीज की मानसिक स्थिति पर भी बुरा प्रभाव पड़ता है।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

Ramkesh

Recommended News

Related News

static