गोंडा: CMO ऑफिस मेें चलता है कमीशन का गोरखधंधा, वीडियो वायरल

punjabkesari.in Friday, Aug 14, 2020 - 04:07 PM (IST)

गोंडा: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार मरीजों को सुविधाओं को देने का हर संभव प्रयास कर रही है, लेकिन कुछ ऐसे स्वास्थ्य विभाग में कर्मचारी तैनात है वे सरकार की योजनाओं में बंदर बांट करने में लेगे है। जब कि सरकार की सेवाओं में स्वास्थ्य विभाग सबसे जरूरी सेवा है। अधिकारी और कर्मचारी की मिली भगत से सीएमओ ऑफिस में तैनात बाबू शशि श्रीवास्तव का एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें वह एक ठेकेदार से पूर्व में किये गए कार्य को लेकर लेन देन की बात रहा है और नोटों की गड्डी लेते हुए भी साफ नजर आ रहा है।

जानकारी के मुताबिक वायरल वीडियो गोंडा जनपद के सीएमओ ऑफिस का है। सीएमओ ऑफिस में तैनात शशि श्रीवास्तव नाम का एक बाबू है जो सीएमओ मधु गैरोला के काले कारनामो का हिसाब रखता है। ठेकेदारों से कमीशन वसूलने के कार्य करता है । जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। यह बाबू सीएमओ का खासम खास बताया जाता है। वीडियो में यह बाबू एक ठेकेदार से पूर्व में किये गए कार्य को लेकर लेन देन की बात रहा है और नोटों की गड्डी लेते हुए भी साफ नजर आ रहा है। बात चीत के दौरान ठेकेदार साफ शब्दों में कह रहा है कि आप बात समझिए आपका विभागीय मामला है। आप आधा आधा बांट लीजियेगा हमे बीच मे मत लाइये। वहीं ठेकेदार यह भी कह रहा है कि 50 हज़ार मैने पहले दिया था वो वापस न करे 50 हज़ार हम सीएमओ साहब को दे चुके हैं। इससे साफ ज़ाहिर होता है कि कमीशन खोरी को लेकर सीएमओ ऑफिस में भ्रष्टाचार किस कदर हावी है। वहीं जब पंजाब केसरी टीबी के संबाता ने वायरल वीडियो और रिश्वत के बाारे में बात की तो वह किसी भी तरह की खरीदारी व कमीशन के नाम पर पैसों के लेन देन से साफ इंकार कर रही थी। जब कोई खरीदारी हुई नहीं फिर यह कमीशन खोरी का वीडियो क्या प्रामाणित करता है?

गौरतलब है कि कैसरगंज से भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह और तरबगंज से विधायक प्रेमनारायण पाण्डे सीएमओ सहित ऑफिस में तैनात कई कर्मचारियों की शिकायत लिखित रूप में शासन स्तर तक कर चुके हैं। लेकिन अपने रसूख के दम पर सालों से यही जमी हुई है। खास बात यह है कि सीएमओ ने शासन के आदेशों की धज्जियां उड़ाते हुए शासन से प्रचलित उच्च स्तरीय जांच को दबवाते हुए भुगतान पर लगी रोक के बावजूद सारे भुगतान कर दिए,जबकि इस भुगतान के लिए वित्तीय नियमों का पालन अति आवश्यक था लेकिन सीएमओ ने सारे नियमों को ताख पर रखते हुए लगभग 5 करोड़ का भुगतान कर दिया। सीएमओ ऑफिस में पूर्व में तैनात रहे वित्त एवं लेखा अधिकारी ने इसकी शिकायत लिखित रूप मे डीएम व शासन स्तर पर भी की थी।. फिलहाल भुगतान संबंधी जांच शासन स्तर से आई थी जो इस समय कमिश्नर के पास 6 माह से लंबित पड़ी है। 


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Edited By

Ramkesh

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