कैराना: कांटे की टक्कर के हैं आकड़े, जानिए हार के नुक्सान

punjabkesari.in Friday, Jun 01, 2018 - 10:30 AM (IST)

लखनऊ: कैराना लोकसभा सीट के उपचुनाव ने कम से कम यूपी के लिए तो विपक्ष को एक फार्मूला सुझा दिया है। यहां तो भाजपा वर्सेस ऑल हो गया और भाजपा चारों खाने चित हो गई। सीट जीती ऐसे दल ने जिसका इस समय न तो कोई सांसद था और न ही कोई विधायक। राष्ट्रीय लोकदल का वजूद ही खतरे में था और वक्त ने ऐसी करवट ली कि उनकी पार्टी का एक प्रतिनिधि देश की संसद में पहुंच गया। अलबत्ता विपक्षी दल सब मिलकर 51 प्रतिशत वोट हासिल कर पाए, जबकि भाजपा प्रत्याशी को 46 प्रतिशत वोट मिले।
PunjabKesari
2014 में कहानी इसके उलट थी। भाजपा को 50.54 प्रतिशत वोट मिले थे और सपा, बसपा व रालोद प्रत्याशियों को कुल 47.63 प्रतिशत वोट मिले थे। यानी 2019 में यदि यह फार्मूला पूरे यूपी में भी आजमाया जाता है तो विपक्ष आसानी से स्वीप नहीं कर पाएगा। यहां से विजयी रही तबस्सुम बेगम 2009 में बसपा के टिकट पर कैराना की सांसद बनी थीं। उनका बेटा दो बार से कैराना का सपा विधायक है और वह अब रालोद की सांसद बन गई हैं। ऐसी सांसद जिन्हें बसपा, सपा, कांग्रेस जैसे दलों ने सपोर्ट किया।
PunjabKesari
वैस्ट यूपी के शामली (3)और सहारनपुर (2) जनपदों की पांच विधानसभाओं को मिलाकर बनने वाली यह लोकसभा सीट भाजपा के वरिष्ठ गुर्जर नेता बाबू हुकुम सिंह का फरवरी में निधन में हो जाने के कारण खाली हुई थी। इस जीत में हुकुम सिंह की भी दो योजनाएं लगी थीं । 2009 में वह तबस्सुम से हार गए थे। 2014 की मोदी लहर में वह जीते थे। हुकुम सिंह की विरासत को संभालने का जिम्मा उनकी बेटी मृगांका सिंह (58) को सौंपने के अलावा कोई दूसरा चारा भाजपा के पास नहीं था।तबस्सुम (49) भी विरासत बेटे को सौंपकर निश्चित हो जाना चाहती थीं, पर फरवरी 2018 में हुकुम सिंह के असामयिक निधन ने सारा परिदृश्य बदल दिया। विपक्ष ने काफी विचार-विमर्श के बाद तबस्सुम को ही मैदान में उतारने का फैसला किया।
PunjabKesari
हार के नुक्सान
- विपक्ष की एकता को बल मिलेगा। यही समीकरण 2019 में भी आजमाया जा सकता है।
- यूपी में सपा, बसपा व कांग्रेस का एक साथ आना सभी लोकसभा सीटों पर अपराजित कांबिनेशन बन सकता है।
- मुस्लिम व दलित वोटों का एक ही जगह वोट करना हर लोकसभा सीट पर भाजपा की दिक्कतें बढ़ा देगा।
- 2019 में भले ही राष्ट्रीय स्तर पर ऐसा गठजोड़ न बन पाए लेकिन यूपी में ही ये तीनों भाजपा को भारी क्षति पहुंचा देंगे।
- 2014 में भाजपा को यूपी की 80 में से 71 सीटें मिली थीं। सपा, बसपा व कांग्रेस का गठजोड़ इनमें से अधिकांश सीटों पर जीतने की स्थिति में होगा।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Anil Kapoor

Recommended News

Related News

static