ईरान-इजरायल संघर्ष के बीच लखनऊ का बेटा कर रहा है फ्रंटलाइन रिपोर्टिंग, पिता बोले - चार बेटे भी शहीद हो जाएं तो गम नहीं
punjabkesari.in Thursday, Jun 19, 2025 - 03:37 PM (IST)

लखनऊ: (सत्येंद्र सिंह): प्रदेश की राजधानी लखनऊ के ठाकुरगंज थाना क्षेत्र में रहने वाले रवीश जैदी इन दिनों अंतरराष्ट्रीय सुर्खियों में हैं। रवीश ईरान के एक न्यूज़ चैनल में बतौर पत्रकार कार्यरत हैं और इस समय इजरायल-ईरान युद्ध के बीच से रिपोर्टिंग कर रहे हैं। हाल ही में जिस ईरानी न्यूज़ चैनल के ऑफिस पर इजरायल ने हमला किया, रवीश उसी चैनल का हिस्सा हैं। इस मुश्किल घड़ी में भी वे डटे हुए हैं, वहीं लखनऊ में उनका परिवार चिंता और गर्व दोनों के भावों से भरा है।
13 साल से ईरान में, युद्ध में भी नहीं छोड़ा पत्रकारिता का फर्ज
रवीश जैदी पिछले 13–14 वर्षों से ईरान में रह रहे हैं और वहां पत्रकारिता के क्षेत्र में काम कर रहे हैं। जब युद्ध का माहौल और हमले की खबरें आईं, तो रवीश ने अपने पिता से वीडियो कॉल पर बात करते हुए भावुक सवाल किया, “पापा, अगर मैं शहीद हो गया तो आपको कोई ग़म नहीं होगा न?”
पिता का जवाब बना मिसाल
इस सवाल पर रवीश के पिता आमीर अब्बास जैदी भावुक हो उठे, लेकिन उनका जवाब दिल को छू लेने वाला था। उन्होंने कहा, “अगर मेरे चारों बेटे भी कौम और देश के लिए शहीद हो जाएं, तो भी कोई ग़म नहीं।’’पिता का यह जज़्बा आज देशभर में सराहा जा रहा है।
हमले के बावजूद डटे हैं मोर्चे पर
जिस न्यूज़ चैनल के ऑफिस पर इजरायल ने हमला किया था, उसी चैनल में रवीश कार्यरत हैं। हमले के बाद भी उन्होंने अपने कर्तव्य से पीछे हटने का नाम नहीं लिया। युद्ध के हालात के कारण वे भारत लौट नहीं पाए, लेकिन अपने पेशे और ज़िम्मेदारी से पीछे भी नहीं हटे।
लखनऊ में परिवार, ईरान में जंग का मैदान
रवीश का परिवार लखनऊ के ठाकुरगंज में रहता है। बेटे की सलामती की चिंता उन्हें ज़रूर है, लेकिन जोश और हिम्मत ने डर को पीछे छोड़ दिया है। एक पत्रकार की यह कहानी केवल साहस की नहीं, बल्कि कर्तव्य, परिवार और बलिदान की मिसाल है।