12 साल से तड़प रहा मेरा बेटा… उसे मुक्त कर दो साहब! पिता की सुप्रीम कोर्ट में गुहार, जज ने कहा— रिपोर्ट तुरंत लाओ
punjabkesari.in Thursday, Nov 27, 2025 - 09:27 AM (IST)
Noida News: सुप्रीम कोर्ट ने नोएडा के हरीश राणा के पैसिव यूथेनेसिया (निष्क्रिय इच्छा मृत्यु) मामले की सुनवाई करते हुए बड़ा आदेश दिया है। कोर्ट ने नोएडा के जिला अस्पताल को हरीश की हालत की जांच करने के लिए प्राथमिक मेडिकल बोर्ड तुरंत गठित करने का निर्देश दिया है।
हरीश राणा 12 साल से बेड पर, 100% विकलांग और वेंटिलेटर पर निर्भर
मिली जानकारी के मुताबिक, हरीश राणा 100 फीसदी विकलांग हैं और पिछले 12 साल से बेड पर हैं। वह वेंटिलेटर पर निर्भर हैं। हरीश राणा पंजाब यूनिवर्सिटी के छात्र थे। साल 2013 में वह अपने पीजी के दौरान चौथी मंजिल से गिर गए थे और सिर में गंभीर चोट लग गई थी। तब से उनकी हालत स्थिर नहीं रही और वह लगातार बेड पर ही हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने नोएडा जिला अस्पताल को मेडिकल बोर्ड रिपोर्ट देने का दिया आदेश
सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस केवी विश्वनाथन की पीठ ने नोएडा सेक्टर-39 स्थित जिला अस्पताल को निर्देश दिया कि दो हफ्ते के भीतर मेडिकल बोर्ड रिपोर्ट पेश करें, जिसमें यह बताया जाए कि क्या हरीश को जीवनरक्षक उपचार से मुक्त किया जा सकता है।
पिता ने बताया बेटे की हालत लगातार बिगड़ रही है, कोर्ट ने शीघ्र रिपोर्ट मांगी
हरीश के पिता ने कोर्ट में कहा कि उनके बेटे की हालत लगातार बिगड़ रही है और अब वह और पीड़ा नहीं देख सकते। कोर्ट ने कहा कि प्राथमिक मेडिकल बोर्ड अपनी रिपोर्ट जल्द से जल्द प्रस्तुत करे। रिपोर्ट आने के बाद कोर्ट आगे का आदेश देगा। यह प्रक्रिया दो हफ्ते के भीतर पूरी होनी चाहिए।
2024 में भी मांगी गई थी पैसिव यूथेनेसिया, घर पर देखभाल या अस्पताल में भर्ती का आदेश
बता दें कि हरीश के माता-पिता ने साल 2024 में भी सुप्रीम कोर्ट से पैसिव यूथेनेसिया की मांग की थी। पिछले साल 8 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की रिपोर्ट पर विचार किया था, जिसमें कहा गया कि अगर उत्तर प्रदेश सरकार की सहायता से घर पर देखभाल संभव हो तो घर पर ही हरीश की देखभाल की जाए। अगर घर पर देखभाल संभव नहीं हो तो उन्हें नोएडा जिला अस्पताल में भर्ती कराया जाए।
इस मामले में हरीश के पिता की तरफ से पैरवी कर रही वकील रश्मि नंदकुमार ने कोर्ट को बताया कि हरसंभव प्रयास किए गए और राज्य सरकार की सहायता के लिए आभार भी है, लेकिन हालात में कोई सुधार नहीं हो रहा है।

