दारुल उलूम का नया फतवा- निकाह की तारीख भेजने के लिए लाल खत की रस्म गलत

punjabkesari.in Saturday, Nov 10, 2018 - 01:02 PM (IST)

लखनऊः दारुल उलूम ने एक फतवा जारी किया है। उन्होंने मुस्लिम समुदाय में शादी की तारीख भेजने के लिए लाल खत की रस्म को गलत बताया है। इस बारे में मुफ्तियों का कहना है कि यह रस्म गैर मुस्लिमों से आई है इसलिए इस रस्म को करना और इसमें शामिल होना जायज नहीं है।

बता दें कि दारुल उलूम के इफ्ता विभाग से एक शख्स ने लिखित में मुफ्तियों से तीन सवाल पूछे थे। जिसमें शादी की तारीख बताने के लिए लाल खत का इस्तेमाल करने, महिलाओं द्वारा हाथ या पांव की अंगुलियों में पहने जाने वाले छल्ले और चुटकियों तथा मामा द्वारा दुल्हन (भांजी) को गोद में उठाकर गाड़ी या डोली में बिठाने को लेकर शरई राय मांगी थी।

इसके जवाब के तौर पर मुफ्तियों की खंडपीठ ने कहा कि शादी में अनावश्यक रस्मों की तरह लाल खत भेजने की रस्म गैर मुस्लिमों से आई है। इस रस्म को करना और इसमें शामिल होना जायज नहीं है। साथ ही मामा द्वारा भांजी को गोद में उठाकर डोली में बैठाने की रस्म पर कहा कि मामा महरम है, लेकिन नौजवान भांजी को गोद में उठाकर ले जाना बेशर्मी होती है। वहीं तीसरे जवाब में कहा कि महिलाओं का चुटकी या छल्ले पहनना जायज है। 
 


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Tamanna Bhardwaj

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