उत्तर- मध्य रेलवे ने सौर्य ऊर्जा से 124 लाख यूनिट बिजली का किया उत्पादन, 5 करोड़ से अधिक बचत का हुआ लाभ
punjabkesari.in Thursday, Apr 14, 2022 - 05:22 PM (IST)
प्रयागराज: एक तरफ जहां उत्तरप्रदेश में बिजली संकट को लेकर सरकार गंभीर है तो वही दूसरी तरफ उत्तर मध्य रेलवे ने सौर्य ऊर्जा के ज़रिए बिजली उत्पादन और बचत में नया कीर्तिमान हासिल किया है। 5 करोड़ से अधिक की बिजली बचत की है साथ ही इस साल 2021-22 में सौर ऊर्जा से 124 लाख यूनिट बिजली उत्पादन किया है, जो एक नया कीर्तिमान है । अगर हम 2020-21 की बात करें तो एनसीआर रेलवे ने सौर ऊर्जा से 106 लाख यूनिट उत्पादन किया था जिसकी वजह से 3.97 करोड़ रुपये की बिजली बचाई थी। अधिकारियों के लगातार मोंटरिंग के चलते पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष 17 प्रतिशत अधिक बिजली उत्पादन है। यह न केवल पर्यावरण संरक्षण की ओर एक बड़ा कदम है, बल्कि ऊर्जा के क्षेत्र में एक हरित स्त्रोत होने के कारण इससे राजस्व को भी लाभ हुआ है।
वर्तमान समय में उत्तर मध्य रेलवे की कुल स्थापित क्षमता 11.03 मेगावाट है। इसमें से 120 किलोवाट पावर प्लांट रेलवे द्वारा स्थापित किया गया है। इससे स्टेशन भवन, कार्यशालाएं, ट्रेनिंग विद्यालय, महाप्रबंधक कार्यालय और मंडल रेल प्रबंधक कार्यालय भवन आदि प्रमुख स्थानों पर सोलर प्लांट लगाए गए हैं। उत्तर मध्य रेलवे के सीपीआरओ डॉ शिवम शर्मा कहना है कि जिस तरह से नेशनल लेवल पर नेशनल सोशल इनीशिएटिव एडॉप्ट किया गया है उसी तरह से उत्तर मध्य रेलवे ने सोलर मिशन एनसीआर को अडॉप्ट किया था और हम लोग ज़्यादा से ज्यादा सोलर एनर्जी जनरेट करने के लिए प्रतिबंध है ।
इसी क्रम में पूरे एनसीआर में 11.03 मेगा वाल्ट पीक के सोलर प्लांट इनस्टॉल किये है । जिसमे अलीगढ़, प्रयागराज ,आगरा, टूंडला, कानपुर, झांसी ,मथुरा इन सब स्टेशन पर प्लांट है इसके साथ ही साथ आफिस बिल्डिंग , रनिंग रूम में भी प्लांट को इंस्टॉल किया गया है। हर साल सौर्य ऊर्जा से कई लाख यूनिट बिजली का उत्पादन हो रहा है और अगर बीते 2021-22 की बात करें 5 करोड़ से ज्यादा बिजली बचाने का कीर्तिमान भी एनसीआर रेलवे ने दर्ज किया है पूरे साल 124 लाख यूनिट बिजली का सौर ऊर्जा के माध्यम से उत्पादन किया गया है जो अभी तक की है इतिहास में सबसे अधिक है।
उत्तर मध्य रेलवे डॉ शिवम शर्मा, सीपीआरओ ने बताया 2020-21 में 106 लाख बिजली यूनिट का उत्पादन किया गया था। हालांकि इस साल 17 फीसदी उत्पादन अधिक हुआ है। इसकी मुख्य वजह अधिकारियों के द्वारा लगातार मॉनिटरिंग करना साथ ही साथ रखरखाव की भी मॉनिटरिंग होना भी है । जो स्टाफ उसमें इंवॉल्व उनसे फीडबैक भी समय समय पर लिया जाता है। जिसका नतीजा देखने को मिला।