आज तीन दिवसीय दौरे पर बदायूं जाएंगे शिवपाल यादव, लोकसभा को लेकर करेंगे चुनाव प्रचार
punjabkesari.in Thursday, Mar 14, 2024 - 12:05 PM (IST)
Shivpal Yadav Badaun Visit: समाजवादी पार्टी के नेता शिवपाल सिंह यादव (Shivpal Yadav) आज अपने तीन दिवसीय दौरे पर बदायूं जाएंगे। शिवपाल यादव को बदायूं लोकसभा सीट से सपा का प्रत्याशी बनाया गया है। प्रत्याशी बनाए जाने के बाद वह आज पहली बार बदायूं जा रहे हैं। वह यहां पर अपने कार्यकर्ताओं से बैठक करेंगे और चुनाव प्रचार करेंगे। चुनाव प्रचार कार्यक्रम में शिवपाल के साथ आदित्य यादव भी रहेंगे।
बदायूं से प्रत्याशी बनने के बाद शिवपाल सिंह यादव आज पहली बार यहां जाएंगे। शिवपाल यहां पर तीन दिन तक रहेंगे। इस दौरान शिवपाल लोकसभा चुनाव के मद्देनजर जनसभा को संबोधित करेंगे। इस दौरे को लेकर शिवपाल ने कहा कि पार्टी का आदेश मिला है, इसलिए बदायूं जा रहा हूं। साथ ही उन्होंने अपनी जीत का भी दावा किया है। उन्होंने कहा कि इस सीट को जीतकर आऊंगा।
आज से बदायूं लोकसभा क्षेत्र में जनसम्पर्क हेतु यात्रा पर हूं।
— Shivpal Singh Yadav (@shivpalsinghyad) March 14, 2024
मेरा इस क्षेत्र से दशकों पुराना आत्मीय रिश्ता है।
मन में बदायूं से जुड़े ढेरों किस्से और यादें हैं।
शकील बदायूनी साहब के शब्दों में...
कैसे कह दूँ कि मुलाक़ात नहीं होती है,
रोज़ मिलते हैं मगर बात नहीं होती है।
''कैसे कह दूँ कि मुलाक़ात नहीं होती है...''
बदायूं जाने से पहले शिवपाल यादव ने एक्स पर एक पोस्ट में लिखा ''आज से बदायूं लोकसभा क्षेत्र में जनसम्पर्क हेतु यात्रा पर हूं। मेरा इस क्षेत्र से दशकों पुराना आत्मीय रिश्ता है। मन में बदायूं से जुड़े ढेरों किस्से और यादें हैं। शकील बदायूनी साहब के शब्दों में... कैसे कह दूँ कि मुलाक़ात नहीं होती है, रोज़ मिलते हैं मगर बात नहीं होती है।''
यह भी पढे़ंः "CAA कभी वापस नहीं लिया जाएगा, हम इससे कभी समझौता नहीं करेंगे': अमित शाह
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने एक इंटरव्यू में साफ कह दिया है कि "CAA कानून कभी वापस नहीं लिया जाएगा। हमारे देश में भारतीय नागरिकता सुनिश्चित करना हमारा संप्रभु अधिकार है, हम इससे कभी समझौता नहीं करेंगे। उन्होंने कहा, CAA से इस देश के अल्पसंख्यकों या किसी और व्यक्ति को डरने की जरूरत नहीं है क्योंकि CAA में किसी की नागरिकता लेने का प्रावधान नहीं है। CAA सिर्फ और सिर्फ तीन देश, अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश से आए हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, ईसाई और पारसी शरणार्थियों को नागरिकता देने का कानून है।"