अब 8 नहीं 12 घंटे होंगे कंपनियों में काम, मोदी सरकार का नया लेबर नियम...कर्मचारियों की छटनी पर भी रूल
punjabkesari.in Saturday, Nov 22, 2025 - 01:53 PM (IST)
यूपी डेस्क: भारत सरकार ने शुक्रवार को श्रम कानूनों में अब तक का सबसे बड़ा और ऐतिहासिक सुधार लागू करने की घोषणा की। दशकों पुराने 29 जटिल श्रम कानूनों को सरल बनाते हुए अब उन्हें चार एकीकृत श्रम संहिताओं में बदल दिया गया है। सरकार के मुताबिक ये बदलाव देश के सभी श्रमिकों—चाहे वे अनौपचारिक क्षेत्र, प्रवासी मजदूर, गिग वर्कर्स या महिलाएं हों—के लिए बेहतर वेतन, सुरक्षित कार्यस्थल और व्यापक सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित करेंगे।
गिग वर्कर्स और कर्मचारियों को पहली बार बड़े अधिकार
नए कोड में गिग, फ्रीलांसर और प्लेटफॉर्म-आधारित श्रमिकों को यूनिवर्सल सोशल सिक्योरिटी के दायरे में शामिल किया गया है। साथ ही सभी कर्मचारियों के लिए अब—
नियुक्ति पत्र अनिवार्य
- न्यूनतम मजदूरी सुनिश्चित
- समय पर वेतन भुगतान का अधिकार तय
- यह कदम नई अर्थव्यवस्था के अनुरूप कार्यबल को संरचित करने की दिशा में बड़ा बदलाव माना जा रहा है।
छंटनी के नियमों में कंपनियों को राहत
- पहले 100 से अधिक कर्मचारियों वाली कंपनियों को छंटनी के लिए सरकार से अनुमति लेनी होती थी।
- अब यह सीमा 300 कर्मचारियों तक बढ़ा दी गई है।
मजदूर संगठनों ने इस पर सवाल उठाए हैं, जबकि सरकार का कहना है कि यह निर्णय उद्योगों को लचीलापन देने और ज्यादा रोजगार सृजन का रास्ता खोलता है।
काम के घंटे बढ़े, नियम हुए सरल
- फैक्टरियों में काम के घंटे 9 से बढ़ाकर 12 कर दिए गए हैं।
- दुकानों और प्रतिष्ठानों के लिए काम का समय 9 से बढ़ाकर 10 घंटे किया गया है।
- सरकार का दावा है कि यह बदलाव श्रमिकों और नियोक्ताओं—दोनों के लिए नियमों को आधुनिक और स्पष्ट करता है।
चार श्रम संहिताएँ जो बदल देंगी पूरे सिस्टम को
- वेतन संहिता 2019 – न्यूनतम वेतन और समय पर भुगतान
- औद्योगिक संबंध संहिता 2020 – कर्मचारियों व उद्योगों के बीच संबंध
- सामाजिक सुरक्षा संहिता 2020 – PF, ESIC, बीमा सहित सभी की सुरक्षा
- व्यावसायिक सुरक्षा एवं स्वास्थ्य संहिता 2020 – सुरक्षित व स्वस्थ कार्यस्थल
- इनमें बदलकर शामिल किए गए 29 कानूनों से अब नियम सरल, पारदर्शी और प्रभावी होंगे।
महिलाओं और विशेष श्रमिकों के लिए अतिरिक्त सुरक्षा
- प्रधानमंत्री मोदी ने बताया कि नए सुधारों में—
- महिलाओं की रात की पाली में सुरक्षा
- 40+ श्रमिकों के लिए फ्री हेल्थ चेकअप
- ESIC का व्यापक विस्तार
- डिजिटल, मीडिया, गिग और स्टंट कलाकारों को पहली बार सामाजिक सुरक्षा
- जैसी सुविधाएँ सुनिश्चित की गई हैं।
- श्रमिकों के अधिकार होंगे मजबूत, उद्योगों का भविष्य सुरक्षित
श्रम मंत्री मनसुख मांडविया ने कहा कि ये कोड श्रमिकों को बेहतर सुरक्षा और उद्योगों को स्थिर एवं सरल वातावरण देंगे।
इसमें शामिल हैं—
राष्ट्रीय न्यूनतम मजदूरी
समान कार्य के लिए समान वेतन
विवाद सुलझाने के लिए तेज़ दो-सदस्यीय ट्रिब्यूनल
व्यावसायिक सुरक्षा बोर्ड की स्थापना
क्यों ज़रूरी थे ये बदलाव?
पिछले 10 वर्षों में सामाजिक सुरक्षा का दायरा 19% से बढ़कर 64% तक हो चुका है।
नए कोड इसे और विस्तार देते हुए हर श्रमिक—चाहे गिग, डिजिटल, स्टंट, एग्रीगेटर या असंगठित क्षेत्र—को सुरक्षा और अधिकार प्रदान करेंगे।
सरकार का कहना है कि यह सुधार भारत के भविष्य के कार्यबल, उद्योगों की मजबूती और आर्थिक विकास के लिए मील का पत्थर साबित होंगे।

