थैलेसीमिया पीड़ित 3 बच्चों के लाचार पिता ने लगाई मदद की गुहार, कहा- सारी संपत्ति गंवा चुके हैं, अब...

punjabkesari.in Friday, Apr 29, 2022 - 05:23 PM (IST)

नोएडा: उत्तर प्रदेश में मैनपुरी जिले के कटरा गांव के रहने वाले एक व्यक्ति ने लोगों और सरकार से थैलेसीमिया पीड़ित अपने तीन बच्चों के उपचार के लिए मदद की गुहार लगई है। उन्होंने कहा कि वह अपनी सारी संपत्ति गंवा चुके हैं और अब अपने बच्चों को बचाने की उम्मीद भी गंवाते जा रहे हैं।

कटरा गांव के रहने वाले शिव वीर सिंह (37) किसान परिवार से ताल्लुक रखते हैं। वर्ष 2016 तक उन्होंने दमन एंड दीव में सुरक्षाकर्मी के तौर पर काम किया था, लेकिन बच्चों की तबीयत की वजह से उन्हें वापस लौटना पड़ा। यादव ने बताया, ‘‘ मेरा आठ साल का बेटा अभी लखनऊ में संजय गांधी पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट में भर्ती है, वहीं नौ और पांच वर्ष की दो बेटियां इटावा में परिजन के साथ रह रही हैं। '' चिकित्सकों का कहना है कि थैलेसीमिया से पीड़ित लोगों को ताउम्र रक्त बदलवाने की जरूरत होती है। इससे पीड़ित व्यस्क को औसतन दो यूनिट खून की और बच्चे को एक सप्ताह में एक यूनिट खून की जरूरत होती है।

यादव ने कहा, ‘‘ जब मुझे और मेरी पत्नी प्रियंका को यह जानकारी मिली तो हमें धक्का लगा था। मैंने अपने माता पिता को खो दिया। हमारे पास करीब 15 बीघा खेती थी, लेकिन हमने बच्चों के उपचार के लिए उसे गिरवी रखकर ऋण लिया। ब्याज बहुत ज्यादा था और आखिरकार हमारी संपत्ति हमारे हाथ से चली गयी। '' यादव ने कहा, ‘‘ चिकित्सकों ने हड्डी मज्जा प्रतिरोपण के लिए कहा है और इसमें बच जाने की 60 प्रतिशत उम्मीद जताई है। इस ऑपरेशन में 30 से 40 लाख रुपये का खर्च आएगा। बच्चों को लगातार खून चढ़ाने की जरूरत होती है। एक बच्चा होता तो शायद हम कुछ प्रबंध कर लेते लेकिन तीनों बच्चों को थैलेसीमिया है। अब बिल भरना हमारे लिए असंभव हो गया है।'' उन्होंने कहा कि वह जिला प्रशासन के अधिकारियों, स्थानीय विधायकों और अन्य नेताओं से मिल चुके हैं,लेकिन कोई खास मदद नहीं मिली है।

उन्होंने कहा, ‘‘ हाल में हमें समाजवादी पार्टी ने एक लाख रुपए दिए थे और कुछ अन्य लोगों ने भी मदद की है लेकिन ये रकम सागर में बूंद के समान हैं। उन्होंने जनता से मदद करने की अपील करते हुए कहा कि अगर बड़ी संख्या में लोग छोटी छोटी मदद भी करेंगे, तो भी उससे बच्चों की जिंदगी बचाने में मदद मिलेगी।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

Mamta Yadav

Recommended News

Related News

static