‘कोरोना देवी’ की पूजा का गांवों में बढ़ रहा है अंधविश्वास, दवा की जगह लड्डू, लौंग व फूल की बढ़ी मांग

punjabkesari.in Friday, Jun 05, 2020 - 08:19 PM (IST)

बलिया/कुशीनगर/गाजीपुर:  पूर्वांचल के कई जिलों में कोरोना को लेकर जागरूकता की कमी दिखाई दे रही है, जहां लोगों को इस बीमारी के बारे में दवा और सामाजिक दूरी की सलाह देनी चाहिए उसके उलट की तस्वीर इन गांवों से निकल कर सामने आ रही है। कई जिलों के गांवों से कोविड-19 (कोरोना) को लेकर हैरान कर देने वाली खबरें सामने आ रही हैं। महिलाएं कोरोना को अब देवी की तरह पूज रही हैं। इस पूजा में लड्डू, लौंग, फूल व लोटे से जल चढ़ाकर पूजा जा रहा है।

उत्तर प्रदेश का बलिया, कुशीनगर, गाजीपुर पूर्वांचल के पिछड़े इलाकों में आता हैं, जहाँ अशिक्षा और गरीबी दोनों अभी भी अपनी जड़ें जमा रखी हैं। कुशीनगर जिले के तमकुहीराज तहसील के लतबाजीत गाँव और आस-पास के साथ पर जिले में महिलाओं द्वारा कोरोना महामारी की एक देवी के रूप में पूजा-अर्चना कर रही हैं। महिलाएं नहा-धोकर 9 लड्डु, 9 गुड़हल का फूल,9 लौंग ,अगरबत्तियां, कपूर और लोटे का पानी लेकर गाँव से बाहर कोरोना बीमारी को "कोरोना देवी माई" का नाम देकर पूजा करने पहुंच गई।

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देवी के क्रोध का कहर है कोरोना
पूजा करने पहुंची इन महिलाओं का मानना हैं कि कोरोना बीमारी नहीं देवी के क्रोध का कहर है। इस तरह से पूजा करने पर 'कोरोना देवी माई' प्रसन्न होकर अपना क्रोध शांत कर लेंगी और खत्म हो जाएंगी। वैसे तो ये दावा विज्ञान के अभी तक के सभी कोशिश और दावों को नकार रहा है पर इन महिलाओं से बात करने और इनके अंधविश्वास के प्रति के विश्वास देखने लायक था। इस अंधविश्वास रूपी आस्था की शुरुआत कहा से हुई ये पता नही चल रहा है सभी  सोशल मीडिया से आई खबर सुनी बातो को देख पूजा करने में व्यस्त हैं,कोई बिहार से शुरुआत का दावा कर रहा है तो कोई देवरिया और महराजगंज से शुरुआत बता रहा हैं।

अचानक पूजा के सामान और लड्डू की बढ़ी मांग
अचानक पूजा के सामान और लड्डू की मांग बढऩे से इन चीजों की दुकानों के सामने भीड़ देखी गई और सामान की कमी होने पर इन सामानों के दामों में भी उछाल आया। 

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ठीक कुछ ऐसा ही नजारा गाजीपुर से भी देखने को मिला। जहां मंदिर के बाहर दर्जनों महिलाएं फूल, लड्डू , लौंग और सिंदूर के साथ करोना देवी की पूजा करती नजर आईं। पूजा के बाद सभी सामग्री को जमीन में लोहे के किसी कृषि औजार से गड्ढा खोदकर उसमें ढकने की अफवाह भी जोरों से है। 

इस बारे में महिलाओं ने बताया कि उनके रिश्तेदारों और मोबाइल के माध्यम से इस पूजा के बारे में पता चला है। जिसको लेकर वह लोग पूजा कर रही हैं इसके लिए सोमवार और शुक्रवार का दिन बढिय़ा बताया गया है। साथ ही यह पूजा ऐसी भूमि पर करना है जिस पर मौजूदा समय में हल ना चला हो इन लोगों का मानना है कि कोरोना देवी की पूजा करने से करोना खत्म हो जाएगा।
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अफवाह ने कोरोना वायरस को बना दिया देवी 
महिलाओं ने बताया कि खेत में 2 महिलाएं घास काट रही थीं। वहीं, बगल में एक गाय घास चर रही थी, इसी दौरान गाय महिला बन गई। ऐसे में उसे देखकर घास काट रही महिलाएं डर से भागने लगीं। तब उसने दोनों महिलाओं को रोका और बोली कि आप लोग डरो मत, हम कोरोना माता हैं। मेरा देश में प्रचार-प्रसार करो और सोमवार व शुक्रवार को पूजन सामग्री चढ़ाकर मेरा आशीर्वाद लो, हम खुद चले जाएंगे।

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Ajay kumar

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