यूपीः बच्चों की पढ़ाई के वक्त शोर मचाया तो पड़ेगा मंहगा
punjabkesari.in Saturday, Feb 15, 2020 - 05:33 PM (IST)
लखनऊ: प्रदेश में CBSE बोर्ड की परीक्षाएं 15 फरवरी यानि आज से शुरू हो गई हैं। यूपी बोर्ड के एग्जाम भी जल्द शुरू होने वाले हैं। ऐसे में बच्चे शांति से पढ़ाई कर सकें, इसके लिए उप्र पुलिस अभियान शुरू करने जा रही है।
बता दें कि डीजीपी हितेश चंद्र अवस्थी ने पुलिस प्रशासन को निर्देश दिया है कि 15 फरवरी से 31 जुलाई तक ध्वनि प्रदूषण के खिलाफ पूरे प्रदेश में अभियान चले। इस दौरान बैंड-बाजा, पार्टी या किसी और सार्वजनिक कार्यक्रम से पढ़ाई में दिक्कत हो तो बच्चे शिकायत कर सकते हैं। जिस पर पुलिस उन तक तुरंत पहुंचेगी और समस्याओं का निराकरण करेगी।
ADG असीम अरुण के मुताबिक, बच्चों को ध्वनि प्रदूषण के चलते पढ़ाई में परेशानी हो तो वे 112 पर कॉल कर सकते हैं। इसके अलावा ट्विटर, फेसबुक और अन्य सोशल मीडिया के माध्यम से भी शिकायत की जा सकता है। वहीं शिकायत मिलते ही पुलिस रिस्पांस व्हीकल फौरन मौके पर पहुंचेगा और ध्वनि प्रदूषण बंद कराएगा। फिलहाल पुलिस पहले चेतावनी देकर सुधार का एक मौका देगी। इसके बावजूद भी अगर शोर (ध्वनि प्रदूषण) नहीं बंद हुआ तो स्थानीय थाने में उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
पिछले साल 2019 को देखते हुए कि फरवरी-मार्च में ध्वनि प्रदूषण के खिलाफ उप्र में सबसे ज्यादा शिकायतें आईं थीं। इसी को ध्यान में रखते हुए इस साल ये अभियान शुरू किया गया है। एजुकेशनल इंस्टीट्यूट्स के आसपास 100 मीटर का इलाका पहले से ही साइलेंस जोन में रखा गया है। वहीं इसबार ध्वनि प्रदूषण के अलग-अलग मानक भी तैयार किए गए हैं।
आइए एक नजर डालते हैं ध्वनि प्रदूषण के मानक पर?
इंडस्ट्रियल एरिया
सुबह 6 बजे से रात के 10 बजे तक – 75 डेसिबल, रात के 10 बजे से सुबह 6 बजे तक – 70 डेसिबल
कॉमर्शियल एरिया
सुबह 6 बजे से रात के 10 बजे तक – 65 डेसिबल, रात के 10 बजे से सुबह 6 बजे तक – 55 डेसिबल
रेजिडेंशियल एरिया
सुबह 6 बजे से रात के 10 बजे तक – 55 डेसिबल, रात के 10 बजे से सुबह 6 बजे तक – 45 डेसिबल