वाराणसी: इस मजार पर लिखकर लगाई जाती है फरियाद, पूरी होती है सारी मन्नतें

punjabkesari.in Wednesday, Mar 17, 2021 - 12:06 PM (IST)

वाराणसी: उत्तर प्रदेश में वाराणसी के मंडुआडीह क्षेत्र में एक ऐसी मजार है जो बिल्कुल अनोखी है। जहां पर लोग हाजिरी भी अनोखे तरीके से लगाते हैं। जिस तरह किसी अधिकारी के पास एप्लीकेशन लिख कर अपनी बात कही जाती है, उसी तरह लोग अपनी फरियाद एप्लीकेशन के रूप में लिखकर बाबा के मजार पर अपनी हाजिरी लगाते हैं। लोगों की मान्यता है कि जो भी हाजिरी यहां पर लिखकर लगाते हैं वह जल्द से जल्द पूरी होती है।

PunjabKesariयही वजह है कि यहां पर हिंदू मुस्लिम हर धर्म के लोग आते हैं और यहां पर किसी भी प्रकार का भेदभाव नहीं है। बल्कि यह मजार पूरे देश को गंगा जमुनी तहजीब की मिसाल दे रही है। मुतवल्ली बाबू खां ने बताया कि यह हजरत ख्वाजा मैनुद्दीन बाबा की मजार है। यहां हर धर्म के लोग आते हैं, लेकिन सबसे ज्यादा हिंदू और मुस्लिम यहां पर आते हैं। इसके अलावा सिख इसाई भी आते हैं बंगाली पंजाबी भी आते हैं। लोग यहां आते हैं बहुत ही प्रेम से एप्लीकेशन लिखते हैं जैसा एक बच्चा छुट्टी के लिए स्कूल में लिखता है।

PunjabKesariमजार के प्रांगण में चहारदीवारी और पेड़ पर लटकते हजारों पत्र इस बात का गवाह है कि यहां पर पत्र के माध्यम से लोग अपनी दरख्वास्त हजरत ख्वाजा मैनुद्दीन बाबा से लगाते हैं और वह फरियादियों की मनोकामना जल्द पूरी भी करते हैं। मान्यता है कि फरियाद करने की यह प्रथा बादशाह अकबर के जमाने से चली आ रही है और इसके प्रांगण में 450 वर्ष पुराना पेड़ आस्था का केंद्र बना हुआ है। फरियादी इस पेड़ की पत्ती प्रसाद के तौर पर अपने घर या साथ रखते हैं।

PunjabKesariबताया जाता है कि फरियाद लिखते समय सबसे ऊपर बाबा जी को सलाम लिखते हैं उसके बाद अपनी परेशानी लिखते हैं। जिसको औलाद नहीं है वह औलाद पाने के लिए लिखता है। जिनके घर की हालात बिगड़ गई है वह उसके लिए लिखता है। हर प्रकार की दुख तकलीफ के बारे में लोग यहां पर लिखते हैं। जिनकी शादी नहीं होती है वह यहां पर दर्शन करने आते हैं, जिनकी शादी लग गई है वो शादी की कार्ड भी चढ़ाते हैं। जिसका काम पूरा होता है वह यहां शुक्रिया अदा करने आता है।


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Content Writer

Anil Kapoor

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