करवा चौथ की खरीदारी करने निकली थी पत्नी, मौत बनकर आया ट्रक! हापुड़ में गड्ढों ने निगल ली सुहागन की जिंदगी
punjabkesari.in Friday, Oct 10, 2025 - 12:05 PM (IST)

Hapur News: उत्तर प्रदेश के हापुड़ जिले में करवाचौथ से ठीक पहले एक दिल दहला देने वाला हादसा हुआ। जहां बीते बुधवार दोपहर गुलावठी मार्ग पर भटियाना गांव की 35 वर्षीय अनुराधा अपने पति हरिओम के साथ बाइक से बाजार जा रही थीं। दोनों करवा चौथ की खरीदारी करने निकले थे, लेकिन कुछ ही मिनटों में खुशियों का यह सफर मातम में बदल गया।
ट्रक ने मारी जोरदार टक्कर
जानकारी के मुताबिक, हरिओम अपनी पत्नी के साथ बाइक से गुलावठी बाजार की ओर जा रहे थे। जब वे कपूरपुर थाना क्षेत्र के मध्य गंग नहर पुल के पास पहुंचे, तभी सामने से आ रहा एक ट्रक सड़क के गड्ढे से बचने के चक्कर में अचानक अनियंत्रित हो गया। ट्रक ने बाइक को जोरदार टक्कर मार दी। हादसा इतना भीषण था कि अनुराधा दूर जाकर सड़क पर गिर पड़ीं और मौके पर ही उनकी मौत हो गई।प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, टक्कर इतनी तेज थी कि आसपास के लोग सदमे में आ गए। वहीं, हरिओम बुरी तरह घायल हो गए। राहगीरों ने तुरंत पुलिस को सूचना दी और घायल को अस्पताल पहुंचाया।
पति की हालत नाजुक
घटना की जानकारी मिलते ही कपूरपुर पुलिस मौके पर पहुंची। अनुराधा के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया, जबकि घायल हरिओम को गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया है। डॉक्टरों ने बताया कि उनकी हालत अभी नाजुक बनी हुई है।
खराब सड़क बनी हादसे की वजह
ग्रामीणों ने इस दर्दनाक हादसे के लिए खराब सड़क और प्रशासन की लापरवाही को जिम्मेदार ठहराया है। उनका कहना है कि धौलाना-गुलावठी मार्ग पर लंबे समय से गड्ढे हैं। कई बार शिकायत करने के बावजूद सड़क की मरम्मत नहीं हुई। गड्ढों के कारण आए दिन लोग हादसों का शिकार हो रहे हैं। लोगों ने मांग की है कि सड़क का तुरंत पुनर्निर्माण कराया जाए ताकि आगे किसी और परिवार को इस तरह का दर्द न झेलना पड़े।
परिवार पर टूटा दुखों का पहाड़
अनुराधा की मौत के बाद उनके घर में कोहराम मचा हुआ है। पीछे दो छोटे बच्चे आयुष और आरव हैं, जो बार-बार मां को पुकार रहे हैं। करवा चौथ से ठीक पहले हुए इस हादसे ने पूरे गांव को शोक में डुबो दिया है। लोगों का कहना है कि त्योहार से पहले ये कैसी बदकिस्मती कि एक मां अपने बच्चों को सजधजकर पूजा दिखाने के बजाय हमेशा के लिए छोड़ गई। अब गांव में सिर्फ एक सवाल गूंज रहा है — आखिर कब तक टूटी-फूटी सड़कों पर लोगों की जान जाती रहेगी?