UP Budget 2022-23 : महिला उत्थान एवं बाल विकास को बजट में योगी सरकार ने दी प्राथमिकता

punjabkesari.in Thursday, May 26, 2022 - 11:32 PM (IST)

लखनऊ: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने गुरुवार को विधान सभा में पेश बजट प्रस्ताव में महिला उत्थान एवं बाल विकास की योजनाओं के बजट आवंटन को प्राथमिकता दी है।  इस दिशा में चल रही योजनाओं के माध्यम से बजट में सरकार की उपलब्धियों जिक्र करते हुए बताया गया कि प्रदेश में महिलाओं एवं बालिकाओं की सुरक्षा सुद्दढ बनाये रखने के उद्देश्य से प्रदेश के सभी जनपदों के समस्त 1535 थानों पर महिला बीट आरक्षी नामित करते हुये ‘महिला हेल्प डेस्क' की स्थापना की गयी है।       

सरकार का दावा है कि इनकी मदद से महिलाओं की शिकायतों का ससम्मान निराकरण कराया जा रहा है। इससे महिलाओं में सुरक्षा की भावना जागृत हुई है, उनकी शिकायतों पर प्रभावी कार्यवाही तत्काल की जा रही है। प्रदेश में 2,740 महिला पुलिस कार्मिकों को 10,370 महिला बीटों का आवंटन किया गया है। सरकार ने बजट में बताया कि महिलाओं की अधिक से अधिक भागीदारी हेतु 03 महिला पीएसी बटालियन का लखनऊ, गोरखपुर तथा बदायू में गठन किया जा रहा है। अगस्त 2020 में गठित ‘महिला एवं बाल सुरक्षा संगठन' का क्रियान्वयन एवं पर्यवेक्षण अपर पुलिस महानिदेशक, महिला एवं बाल सुरक्षा संगठन उत्तर प्रदेश द्वारा किया जा रहा है।       

प्रदेश के समस्त जनपदों में जनपद स्तर पर साइबर हेल्प डेस्क स्थापना की जा रही है। इसके तहत बजट में ‘महिला सामर्थ्य योजना' हेतु 72 करोड़ 50 लाख रूपये की राशि के आवंटन का बजट में प्रस्ताव किया गया है। इसके अलावा ‘बेटी पढ़ाओ, बेटी बचाओ' के आह्वान पर यू.पी.एस.ई.ई. 2018 में 100 टॉपर छात्राओं को लैपटॉप एवं 100 टॉपर एससी/एसटी छात्राओं को लैपटॉप प्रदान किया गया। इसके अलावा सूक्ष्म एवं लघु उद्योग क्षेत्र में मिशन शक्ति कार्यक्रम के अन्तर्गत महिलाओं की सुरक्षा एवं सशक्तिकरण तथा कौशल विकास हेतु बजट में 20 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है। आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को बेहतर कार्य प्रदर्शन हेतु प्रेरित करने के उद्देश्य से सितम्बर 2021 से 1500 रूपये प्रतिमाह की दर से प्रोत्साहन राशि प्रदान की रही है।       

बाल कल्याण के क्षेत्र में सरकार द्वारा बजट में किये गये प्रावधानों का जिक्र करते हुए कहा गया कि हाल के वर्षों में उत्तर प्रदेश सरकार ने बच्चों के मुद्दों पर विशेष ध्यान दिया है। इसके परिणामस्वरूप पिछले कुछ वर्षों में शिशु मृत्यु दर में गिरावट आई है। ‘दस्तक' कार्यक्रम इस सरकार के प्रमुख कार्यक्रमों में से एक है जिसके परिणामस्वरूप एईएस एवं जेई से प्रभावित सभी क्षेत्रों में बच्चों की मृत्यु में बड़ी कमी आई है।       

सरकार का दावा है कि कुपोषण से निपटने पर भी ध्यान केन्द्रित किया जा रहा है। इसके लिये 203 ब्लॉक स्तरीय केन्द्रों को बढ़ावा देकर कुपोषण पुनर्वास केन्द्रों को जिलों से ब्लॉक तक ले जाने के लिये बजटीय प्रावधान किया जा रहे हैं। इसके साथ ही कोविड-19 संक्रमण के कारण अनाथ एवं प्रभावित हुये बच्चों के भरण पोषण, शिक्षा, चिकित्सा आदि की व्यवस्था हेतु जून, 2021 से उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना का संचालन किया जा रहा है। इस योजना के तहत पात्र बच्चों को 4000 रूपये प्रतिमाह की आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है।


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Content Writer

Mamta Yadav

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