लेखपालों के सरकारी आवास में देर रात काम के बहाने लाई गई युवतियां, चीखें सुनकर लोगों की लगी भीड़

punjabkesari.in Thursday, Sep 10, 2020 - 10:45 AM (IST)

रामपुरः उत्तर प्रदेश में सत्ता संभालने के साथ ही एंटी रोमियो स्क्वायड का गठन करके मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी ने महिलाओं का शोषण करने वालों के विरुद्ध जो कड़े तेवर दिखाए थे, उनपर अब सरकारी अधिकारी ही पानी फेरते दिखाई पड़ रहे हैं। हैरानी की बात यह है कि युवतियों के साथ यौन शोषण के शक में पकड़े जाने वाले सरकारी कर्मचारियों को उनके अधिकारी बचाने में जुट जाते हैं। ऐसे में समझा जा सकता है कि काम के बहाने तो कभी नौकरी के बहाने युवतियों के शोषण का यह सिलसिला थमने वाला नहीं है।
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ऐसी ही घटना हुई रामपुर के सदर तहसील परिसर में हुई है, जहां लेखपालों के लिए बने सरकारी आवासों में युवतियों को काम के बहाने रात में लाया गया और फिर उनके साथ अनहोनी होती कि युवतियों ने शोर मचा दिया। युवतियों का शोर सुनकर लोगों ने 2 लेखपालों को रंगे हाथ पकड़ लिया। अधिकारियों से शिकायत की गई तो अधिकारी भी मामले को दबाने में जुट गए और किसी तरह से समझा-बुझाकर युवतियों को चलता कर दिया गया।
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रामपुर के सदर तहसील परिसर में जहां लेखपाल लोगों के लिए सरकारी आवास बने हुए। लेखपाल भले ही दूसरी जगहों पर रहते हो, लेकिन उनके नाम पर आवंटित किए गए सरकारी आवासों में रात में युवतियों को काम के बहाने बुलाया जाता है और फिर उनका शोषण किया जाता है। इसका जीता जाता सबूत मिला जब रात ढलते ही रामपुर की तहसील सदर परिसर में दो युवतियों को लेकर आई कार में बैठी युवतियां चीख पुकार करने लगीं। कार से लाई गई युवतियों को देर रात लेखपालों के साथ देखकर आसपास के लोगों को मामला समझने में देर नहीं लगी।यह काम के बहाने लाई गई युवतियों के यौन शोषण का मामला है। युवतियों ने वहां पहुंची मीडिया को बताया कि उनको काम के बहाने रात में 2 लेखपालों विजेंदर सिंह और विष्णु शर्मा द्वारा पनवरिया क्षेत्र से लाया गया था। इससे पहले कि कोई अनहोनी होती उनकी चीख पुकार सुनकर लोग जमा हो गए।

युवतियों को देर रात काम के बहाने तहसील परिसर में बुलाने और उनका योन शोषण किए जाने के आरोप में रंगे हाथों पकड़े गए दोनों लेखपालों की शिकायत जब तहसील विभाग के आला अधिकारियों से की गई तो वह देर रात तहसील परिसर में युवतियों को बुलाने वाले दोनों लेखपालों के खिलाफ किसी तरह की भी कार्रवाई करने से बचते हुए मामले को रफा-दफा करने में जुट गए।

तहसीलदार सदर ने अपने दोनों लेखपालों को बचाते हुए मीडिया को जिस तरह से इस मामले में बयान दिया है वह अपने आप में ही हास्य पद है और इसे देखकर हर कोई समझ सकता है कि वह अपने चहेते लेखपालों को कितनी ढिठाई से बचाने में जुटे हुए है। तहसीलदार ने बताया कि लड़कियों को लाने वाली कार बेहद तेज रफ्तार से तहसील परिसर के अंदर दौड़ लगा रही थी ऐसे में लड़कियां डर से चीखने लगी और उनकी चीख को सुनकर लोगों ने कुछ गलत समझ लिया। 


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Tamanna Bhardwaj

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