निर्दोष को फंसाने के लिए रची खौफनाक शाजिश! दर्ज कराया दुष्कर्म का झूठा केस, चार आरोपी गिरफ्तार

punjabkesari.in Wednesday, Oct 08, 2025 - 05:03 PM (IST)

कौशांबी (कुलदीप द्विवेदी): थाना सैनी क्षेत्र में दर्ज सामूहिक दुष्कर्म के मामले में पुलिस ने बड़ा खुलासा करते हुए झूठा मुकदमा दर्ज कराने वाले चार लोगों को गिरफ्तार किया है। पुलिस अधीक्षक राजेश कुमार के निर्देशन में की गई निष्पक्ष जांच में यह मामला पूरी तरह मनगढ़ंत और षड्यंत्रपूर्वक दर्ज कराया गया पाया गया। आप को बता दें कि मामला 27 सितंबर 2025 का है, जब ग्राम मनकापुर निवासी हीरामनी सरोज ने थाना सैनी में तहरीर देकर आरोप लगाया था कि 26 सितंबर को कुछ लोगों ने उसे अगवा कर सामूहिक दुष्कर्म किया। महिला की शिकायत पर पुलिस ने तत्काल मामला दर्ज कर जांच प्रारंभ की।

जांच में लोकेशन घटना स्थल की नहीं मिली
पुलिस अधीक्षक राजेश कुमार ने पूरे प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए जांच की जिम्मेदारी स्वयं अपने नियंत्रण में रखी और स्पष्ट निर्देश दिए कि जांच पूरी निष्पक्षता के साथ की जाए। जांच के दौरान जब वादिनी और अन्य संबंधित लोगों के बयान लिए गए, तो कई विरोधाभास सामने आए। तकनीकी साक्ष्यों, मोबाइल कॉल डिटेल और टावर लोकेशन की जांच से यह तथ्य सामने आया कि जिन व्यक्तियों पर दुष्कर्म का आरोप लगाया गया था, वे घटना के समय घटनास्थल पर मौजूद ही नहीं थे।

चार के खिलाफ केस दर्ज
जांच में ये सामने आया है कि कथित आरोपी का पुत्र उसी दिन अस्पताल में भर्ती था, जहां आरोपी स्वयं मौजूद था। इससे मामला संदिग्ध प्रतीत हुआ और पुलिस ने जांच की दिशा बदल दी। जांच के गहराने पर पता चला कि वादिनी ने अपने कुछ परिचित लोगों के साथ मिलकर विरोधी पक्ष को फंसाने के लिए यह षड्यंत्र रचा था। पुलिस ने साक्ष्यों के आधार पर झूठा मुकदमा दर्ज कराने वाले चार अभियुक्तों — हीरामनी सरोज, मोहम्मद हसन, शेर मोहम्मद उर्फ शेरू, और अजुमन — को गिरफ्तार कर लिया।

आपसी रंजिश में झूठा केस दर्ज कराया
पूछताछ में अभियुक्तों ने स्वीकार किया कि उन्होंने जमीन विवाद और आपसी रंजिश के कारण यह योजना बनाई थी। मोहम्मद हसन और जबैर के बीच जमीन को लेकर पुराना विवाद चल रहा था, उसी का बदला लेने के लिए झूठा मुकदमा दर्ज कराया गया था। महिला को लालच दिया गया कि मुकदमा दर्ज होने पर शासन से मुआवजे के नाम पर लाखों रुपये मिलेंगे। इसी प्रलोभन में आकर उसने झूठी रिपोर्ट दर्ज कराई।

सोशल मीडिया पर जानबूझकर मामले को बनाया संवेदनशील
पुलिस की जांच में यह भी स्पष्ट हुआ कि इस मामले को सोशल मीडिया पर जानबूझकर संवेदनशील बनाकर वायरल किया गया, ताकि दबाव बनाकर फर्जी गिरफ्तारी कराई जा सके। लेकिन एसपी राजेश कुमार के निर्देश पर पुलिस ने सभी तकनीकी व तथ्यात्मक साक्ष्यों का विश्लेषण कर सच्चाई उजागर कर दी।

गौरतलब है कि थाना सैनी पुलिस टीम ने 8 अक्टूबर को चारों षड्यंत्रकारियों को गिरफ्तार कर न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया, जहां से उन्हें जेल भेजा गया। एसपी राजेश कुमार ने कहा कि “ऐसे मामलों में जहां झूठे आरोप लगाकर किसी निर्दोष को फंसाने की कोशिश की जाती है, वहां पुलिस कठोर कार्रवाई करेगी। कानून का दुरुपयोग किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा

 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

Ramkesh

Related News

static