सरकारी सिस्टम पर लगा भ्रष्टाचार का दीमक, अवैध रुपए की वसूली कर बना दिया फर्जी मेडिकल, पूरा खेल कैमरे में कैद
punjabkesari.in Saturday, Oct 11, 2025 - 01:58 PM (IST)

कुशीनगर (अनुराग तिवारी ): वैसे तो मेडिकल लीगल का कार्य केवल योग्य डॉक्टर (MBBS या समकक्ष) ही कर सकते हैं, और यह सरकारी अस्पताल में उनके आधिकारिक कर्तव्यों का हिस्सा है। फार्मासिस्ट को मेडिकल लीगल रिपोर्ट तैयार करने या पोस्टमार्टम जैसे कार्य करने का अधिकार नहीं है लेकिन उसके बावजूद कुशीनगर जिले के खड्डा क्षेत्र के तुर्कहां में स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर फार्मासिस्ट ही खुद मेडिकल लीगल तैयार करने लगा वह भी अवैध रुपए की वसूली कर। हालांकि इस पूरे खेल का वीडियो पंजाब केसरी के कमरे में कैद हो गया।
जाने क्या था मामला ?
दअरसल, तुर्कहा में स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में उद्धव छपरा के रहने वाले अर्जुन जो की मारपीट में चोटिल हुए थे अर्जुन अपने ही परिवार के तीन अन्य लोगों के साथ इस अस्पताल पर पहुंचे थे उन्हें अपना मेडिको लीगल तैयार करना था... इसके बाद अर्जुन ₹1 देकर 3 लोगों की पर्ची बनवाई और जब मेडिकल कराने को पर्ची काट रहे कर्मचारियों से पूछा तो उन्होंने बताया कि मिथिलेश डॉक्टर हैं जो मेडिकल करेंगे पीड़ित परिजनों ने मिथिलेश को ढूंढा तो पता चला कि मिथिलेश फार्मासिस्ट हैं। इन्हीं के द्वारा मेडिको लीगल तैयार किया जाता है।
फार्मासिस्ट पर रिश्वत लेकर मेडिकल बनाने का आरोप
पीड़ित अर्जुन की मुलाकात जैसे ही फार्मासिस्ट मिथिलेश से हुई तो उसने मेडिकल में चोट बढ़ाने के नाम पर एक मरीज से ₹500 की डिमांड की इसके बाद फार्मासिस्ट मिथिलेश इन सभी को लेकर अस्पताल के स्टोर रूम में पहुंचा और वहां अर्जुन और उसके अन्य दो परिजनों का नाम नोट किया गया और फिर फार्मासिस्ट मिथिलेश द्वारा मेडिको लीगल बनाने का काम शुरू किया गया।
रिश्वत लेकर कर बनाए तीन लोगों का मेडिकल
उन्होंने सभी के नाम दर्ज करने के बाद फीस के नाम पर फार्मासिस्ट ने पैसे मांगे परिजनों ने पूछा कितना तो फार्मासिस्ट मिथिलेश ने बताया कि प्रति मरीज ₹500 फीस है आप उसी में कुछ कम दे दीजिए इसके बाद परिजनों ने सिर्फ ₹500 तीन मरीजों के दिए इसके बाद फार्मासिस्ट मिथिलेश फिर बोला पैसे कम है इतने तो फीस ही कट जाएंगे और फिर ₹100 और ले लिया तीन मरीजों से उसने कुल ₹600 की वसूली कर ली और टेबल पर पैसा रख दिया। फिर क्या शुरू हुआ मेडिकल बनाने का काम और सभी बारी बारी से चोट बताते गए और फार्मासिस्ट साहब लिखते गए हद तो तब हो गई जब एक पीड़ित महिला ने बताया कि उसे चोट सिर्फ हाथ पैर में ही लगा है तो फार्मासिस्ट सब ने कह डाला सच का जमाना नहीं है और कहां-कहां लगा है बोलते जाइए हम अपने मन से लिख देंगे तो आपसे कोई पूछेगा तो जवाब कैसे देंगी बारी-बारी से फार्मासिस्ट मिथिलेश ने सभी तीन लोगों का मेडिकल बना दिया।
फर्जी मेडिको लीगल बनाने का आरोप
फार्मासिस्ट ने कहा आपके अनुसार लिख दिया गया है अब आप बैठिए मैं प्रिंट कर ले आता हूं और 600 रुपए जेब में रखकर फार्मासिस्ट मिथिलेश वहां से चला जाता है। पंजाब केसरी के कमरे में कैदी तस्वीरों ने यह साफ कर दिया कि सरकारी अस्पताल में फर्जी मेडिको लीगल बनाने का काम रुपए लेकर धड़ल्ले से किया जा रहा है। अब सवाल वहां मौजूद डॉक्टर पर भी उठ रहे हैं कि जिन डॉक्टरों के जिम्मे मेडिको लीगल तैयार करने का काम है वह फार्मासिस्ट मिथिलेश अवैध रुपए की वसूली कर धड़ल्ले से कर रहा है।
प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर पारसनाथ गुप्ता का बयान
इस पूरे मामले को लेकर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर पारस नाथ गुप्ता को इस मामले की जानकारी दी और उनका पक्ष जाना तो उन्होंने कहा कि सिर्फ ₹68 बिना पुलिस के साथ गए प्राइवेट लोगों से मेडिको लीगल की फीस का चार्ज है ऐसे में अगर अवैध वसूली हुई है तो इसकी जांच कर कार्रवाई की जाएगी।
प्रभारी चिकित्सा अधिकारी ने जांच के बाद की कार्रवाई की बात
लेकिन सवाल यह है कि जिस सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर पीएन गुप्ता है और जिस अस्पताल में जगह-जगह सीसीटीवी कैमरे लगे हुए हैं उसी अस्पताल में उनके नाक के नीचे आखिर बिना प्रभारी चिकित्सा अधिकारी के मिले अस्पताल में मौजूद फार्मासिस्ट मिथिलेश आखिर कैसे मेडिको लीगल तैयार कर अवैध रुपए की वसूली कर रहा है। हालांकि अब देखना होगा कि सरकारी सिस्टम को दीमक की तरह खा जाने वाले इन स्वास्थ्य कर्मियों पर किस तरीके की कार्रवाई उच्च अधिकारियों के द्वारा की जाती है।