पहली बार किसी सदन का सदस्य नहीं होगा सपा का प्रदेश अध्यक्ष, पूर्वमंत्री बलराम यादव को मिला टिकट
punjabkesari.in Tuesday, Mar 12, 2024 - 05:39 PM (IST)
लखनऊ: समाजवादी पार्टी से नरेश उत्तम पटेल को विधान परिषद का टिकट न मिलने से पहली बार प्रदेश अध्यक्ष किसी सदन का सदस्य नहीं होगा, जबकि पूर्वाचल में सपा के सिरमौर रहे पूर्वमंत्री बलराम यादव को टिकट देकर खासी तरजीह दी गई। बलराम के पुत्र संग्राम यादव भी आजमगढ़ के अतरौलिया से विधायक हैं। इस प्रयोग के जरिए सपा संदेश देने की कोशिश कर रही है कि भाजपा यादव प्रत्याशी के जरिए आजमगढ़ में जड़े न जमा सके।
चौधरी रामशरण दास गुर्जर आजीवन 16 साल प्रदेश अध्यक्ष रहे
समाजवादी पार्टी की पांच नवंबर 1992 को स्थापना के बाद सहारनपुर निवासी चौधरी रामशरण दास गुर्जर आजीवन 16 साल प्रदेश अध्यक्ष रहे। वे दो बार विधान सभा सदस्य और चार बार विधान परिषद सदस्य थे। बताते हैं कि मुलायम सिंह यादव को पहली बार विधानसभा पहुंचाने में उनकी अहम भूमिका थी। 1967 में मुलायम सिंह राजनीति में सक्रिय थे, लेकिन विधायक नहीं बने थे। उस समय चौधरी रामशरण दास समाजवादी नेता राममनोहर लोहिया द्वारा बनाई गई संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी के प्रदेश महासचिव थे। तब मुलायम सिंह यादव इटावा के जिला सचिव हुआ करते थे। विधानसभा चुनाव के लिए सोशलिस्ट पार्टी द्वारा टिकट बांटे जा रहे थे। रामशरण दास संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी के पार्लियामेंट्री बोर्ड में भी थे। मुलायम सिंह की टिकट को लेकर कुछ नेताओं को ऐतराज था। लेकिन उस समय रामशरण दास ने उनकी खुलकर वकालत की और फिर उन्हें टिकट भी दिया। मुलायम सिंह चुनाव लड़े और जीतकर पहली बार विधानसभा पहुंचे। रामशरण दास की गंभीर बीमारी की हालत में मुलायम सिंह ने पार्टी के महासचिव शिवपाल सिंह यादव को जिम्मेदारी दी। मुख्यमंत्री बने अखिलेश यादव से विवाद गहराने के बाद शिवपाल यादव हटाए गए। वे एक नवंबर 2007 से 2017 तक प्रदेश अध्यक्ष रहे। इस दौरान वे विधायक रहते मंत्री समेत कई अहम पदों पर भी थे। शिवपाल को हटाए जाने के बाद अखिलेश यादव ने नरेश उत्तम को 1 जनवरी 2017 को सपा का प्रदेश अध्यक्ष बनाया, फिर दूसरी बार सितंबर 2022 में बागडोर सौंपी। नरेश उत्तम तीन बार विधायक और दो बार एमएलसी रहे। कार्यकाल बेदाग रहने के बावजूद पार्टी को जीत नहीं दिला सके। उनके प्रदेश अध्यक्ष रहते हुए दो विधानसभा और एक लोकसभा चुनाव में पार्टी का प्रदर्शन खराब रहा है। इस बार एमएलसी का टिकट नहीं मिला, जिससे वे किसी सदन के सदस्य नहीं होंगे।
13 में सात प्रत्याशी पहली बार जाएंगे उच्च सदन
नामांकन करने वाले भाजपा से पूर्व मंत्री डॉ महेन्द्र कुमार सिंह को पार्टी ने तीसरी बार, पूर्व मंत्री अशोक कटारिया व भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष विजय बहादुर पाठक लगातार दूसरी बार विधान परिषद सदस्य होंगे। जबकि प्रदेश उपाध्यक्ष मोहित बेनीवाल, संतोष सिंह व झांसी के निवर्तमान महापौर रामतीरथ सिंघल और प्रदेश सह मीडिया प्रभारी धर्मेन्द्र सिंह को पहली बार विधान परिषद जाने का मौका दिया है। अपना दल (एस) के आशीष पटेल दोबारा विधानमंडल के उच्च सदन में जाएगे। रालोद के योगेश चौधरी और सुभासपा के पूर्वांचल के प्रदेश अध्यक्ष विच्छेलाल राजभर पहली बार विधान परिषद जाएंगे। जबकि सपा से पूर्व मंत्री किरण पाल कश्यप और गुड्डू जमाली भी पहली बार उच्च सदन जाएंगे। हालाकि जमाली की वजह से धर्मेंद्र यादव को आजमगढ़ में हार का सामना करना पड़ा था और भाजपा से दिनेश यादव निरहुआ सांसद बने।
नामांकन के दौरान संजय निषाद की नामौजूदगी रही चर्चा का विषय
प्रत्याशियों के नामांकन के दौरान निषाद पार्टी को छोड़कर भाजपा व उसके बाकी सभी सहयोगी दलों के नेता और विधायक मौजूद थे। नामांकन के अवसर पर निषाद पार्टी के अध्यक्ष व मत्स्य मंत्री डॉ संजय निषाद की अनुपस्थिति चर्चा का विषय रही। संजय निषाद ने भाजपा से विधान परिषद के एक लिए एक सीट मांगी थी जो नहीं दी गई। गौरतलब है कि पिछले माह राज्यसभा चुनाव के लिए हुए भाजपा प्रत्याशियों के नामांकन के अवसर पर संजय निषाद मौजूद थे।