Shahjahanpur: सुनवाई न होने से नाराज पीड़ित ने SP ऑफिस के बाहर खुद को लगाई आग, अखिलेश यादव ने की कार्रवाई की मांग
punjabkesari.in Tuesday, Mar 05, 2024 - 02:59 PM (IST)
Shahjahanpur News: उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। जहां पर सुनवाई ना होने से नाराज एक पीड़ित ने एसपी ऑफिस के बाहर खुद को आग लगा ली। आग लगने के बाद पीड़ित काफी देर तक एसपी के दफ्तर में ही आग की लपटों में घिरा रहा। हैरान करने वाली बात तो यह है कि यह घटना जिस समय हुई, उस वक्त पुलिस अधीक्षक अपने ऑफिस में ही मौजूद थे। फिलहाल, घायल युवक को अस्पताल में भर्ती कराया गया और उसकी हालत अभी काफी गंभीर है।
जानकारी के मुताबिक, पीड़ित युवक ताहिर काँट थाना क्षेत्र का रहने वाला है। उसकी पिकअप गाड़ी को एक दबंग ने छीन लिया था। जिसके बाद वह थाने से लेकर पुलिस अधीक्षक तक न्याय की गुहार लगा चुका था। लेकिन, उसके मामले की कोई सुनवाई नहीं हो पा रही थी। वह अपने परिवार के साथ लगातार एसपी ऑफिस के चक्कर लगा रहा था। आज भी वो पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंचा, मगर उसकी सुनवाई नहीं हुई। जिससे नाराज होकर उसने खुद को आग के हवाले कर लिया। इसके बाद आग की लपटों में घिरा युवक ऑफिस के अंदर भागता रहा।
पापा-पापा चिल्लाते रहे बच्चे
युवक को आग में घिरा देखकर पीड़ित के परिवार वाले भी चिल्लाते रहे। उसके बच्चे पापा-पापा चिल्ला रहे थे। तभी वहां मौजूद कुछ पुलिसकर्मियों ने आग बुझाई और उसे मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया है। फिलहाल, युवक की हालत काफी गंभीर है। एसपी ऑफिस में हुई इस घटना के बाद जनसुनवाई पर भी कई सवाल खड़े हो गए है।
शाहजहाँपुर में पिकप चोरी होने की रिपोर्ट दर्ज न करने से आहत जिस युवक ने SP ऑफिस के सामने पहुंच कर आग लगाई है, उसको तत्काल सर्वश्रेष्ठ चिकित्सा सुविधा दी जाए और इसके लिए ज़िम्मेदार लोगों के ख़िलाफ़ आत्महत्या के लिए उकसाने का मुक़दमा दर्ज कर सख़्त से सख़्त कार्रवाई की जाए।
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) March 5, 2024
जब FIR… pic.twitter.com/mNofa90uSr
अखिलेश यादव ने की कार्रवाई की मांग
इस घटना पर सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि ''शाहजहांपुर में पिकअप चोरी होने की रिपोर्ट दर्ज न करने से आहत जिस युवक ने SP ऑफिस के सामने पहुंच कर आग लगाई है, उसको तत्काल सर्वश्रेष्ठ चिकित्सा सुविधा दी जाए और इसके लिए ज़िम्मेदार लोगों के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने का मुकदमा दर्ज कर सख़्त से सख़्त कार्रवाई की जाए। जब FIR इतनी कम होती हैं तब तो NCRB की रिपोर्ट में उप्र की कानून-व्यवस्था की इतनी दुर्गत दिखाई देती है। अगर सच में हर अपराध की रिपोर्ट लिखाई जाए तो पता नहीं उप्र में तथाकथित अमृतकाल ही शर्म से आत्मदाह न कर ले।''