डेली डायलिसिस के बीच प्रेमानंद महाराज ने ये किसे अपनी गद्दी पर बैठाया? देखते ही फूट-फूटकर रोने लगे.... श्रीराधा केलिकुंज आश्रम में किसकी हुई एंट्री!

punjabkesari.in Thursday, Oct 09, 2025 - 07:55 PM (IST)

वृंदावन: राधा नाम के परम भक्त और प्रचारक संत प्रेमानंद महाराज के वृंदावन स्थित श्रीराधा केलिकुंज आश्रम में उनसे मिलने और उनके स्वास्थ्य का हाल जानने गुरूवार सुबह करीब आठ बजे कार्ष्णि पीठाधीश्वर गुरु शरणानंद पहुंचे। इस दौरान आश्रम का दृश्य देखने लायक था। दो अलग-अलग पंथ के दिग्गज साधक एक-दूसरे के सामने आए तो दोनों के न केवल मन प्रफुल्लित हुए बल्कि दिल के तार ऐसे जुड़े कि दोनों ही एक-दूसरे को देख भावुक हो गए। दोनों की आंखें नम हो गईं। दोनों ऐसे गले मिले, मानों सालों से बिछुड़े दो भाई एक-दूसरे से गले लगकर द्रवित हो गए।

संत का हाल जानने पहुंचे गुरुशरणानंद, प्रेमानंद महाराज ने पखारे चरण 
उदासीय संप्रदाय के साधक गुरुशरणानंद के आने की खबर पर दरवाजे पर स्वागत को पहुंचे वैष्णव संप्रदाय के राधावल्लभीय मत के साधक संत प्रेमानंद ने उन्हें साष्टांग प्रणाम किया। गुरुशरणानंद ने उन्हें भातृत्व भाव से अपने हाथों से उठाकर गले लगा लिया। इसके बाद संत ने आग्रह कर उन्हें अपने आसन पर बिठाया और खुद उनके सामने जमीन पर आसन लगाकर बैठ गए और उनके चरण धोने का आग्रह किया। उन्होंने भी संत प्रेमानंद के आग्रह को मान चरण प्रच्छालन करने की सहमति दी। 

फिर क्या था, अचानक संत प्रेमानंद जोर से बोले लाओ रे चरण धुलवाओ..। यह सुनते ही आश्रम के संत दौड़ पड़े और थाल व लोटे में जल लेकर आए। जिसके बाद प्रेमानंद महाराज ने उनके चरण धोकर चंदन लगाया, माल्यार्पण किया और फिर गुरुशरणानंद की आरती उतारी। बता दें कि गुरुशरणानंद वर्ष भर में एक ही दिन गुरुपूर्णिमा पर चरण पूजन कराते हैं, लेकिन संत के आग्रह पर उन्होंने अपना संकल्प छोड़ दिया। 

गुरुशरणानंद ने कही ये बात
गुरुशरणानंद ने कहा आप युवाओं में सनातन के प्रति जागृति उत्पन्न कर रहे हैं, आप ऐसे ही दीर्घायु होकर भक्तों पर कृपा करें। इसके बाद संत प्रेमानंद ने आश्रम के संतों को गुरुशरणानंद के दर्शन करने की अपील की। 


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Content Editor

Purnima Singh

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