योगी के मंत्री बोले- बाढ़ पर UP सरकार की पैनी नजर, चिंता की जरूरत नहीं

punjabkesari.in Friday, Aug 07, 2020 - 11:50 AM (IST)

लखनऊः उत्तर प्रदेश सरकार ने गुरूवार को खुलासा किया कि प्रदेश के 17 जिलों के 666 गांव बाढ़ से प्रभावित है जिन पर सरकार की पैनी नजर बनी हुयी है और तटबंधों की सुरक्षा के तमाम उपाय किये जा रहे हैं। पिछड़ा वर्ग कल्याण एवं दिव्यांगजन सशक्तिकरण मंत्री अनिल राजभर ने पत्रकारों को बताया कि प्रदेश के सभी तटबंध सुरक्षित है। बाढ़ पर सरकार की पैनी नजर है और कहीं भी किसी प्रकार की चिंताजनक परिस्थिति नहीं है।

उन्होंने बताया कि प्रदेश के 17 जिलों अम्बेडकरनगर, अयोध्या, आजमगढ़, बहराइच, बलिया, बलरामपुर, बाराबंकी, बस्ती, गोण्डा, गोरखपुर, कुशीनगर, लखीमपुरखीरी, मऊ, सिद्धार्थनगर, महाराजगंज तथा सीतापुर के 666 गांव बाढ़ से प्रभावित है। शारदा नदी, पलिया कला लखीमपुरखीरी, सरयू नदी, तुर्तीपार बलिया राप्ती नदी बडर्घाट गोरखपुर, सरयू (घाघरा) नदी-एल्गिनब्रिज बाराबंकी और अयोध्या में अपने खतरे के जलस्तर से ऊपर बह रही है। प्रभावित जिलों में राहत एवं बचाव कार्य के लिये एनडीआरएफ,एसडीआरएफ तथा पीएसी की कुल 16 टीमें तैनात की गयी है जबकि 983 नावें बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में लगायी गयी है। बाढ़ एवं अतिवृष्टि की आपदा से निपटने के लिये विस्तृत दिशा निर्देश जारी किये जा चुके है।

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बाढ़ राहत कार्यों की गहन समीक्षा की तथा जिला अधिकारियों को निर्देशित किया गया कि तटबंध की निरंतर पेट्रोलिंग कराया जाना सुनिश्चित करे ताकि बांधों पर कटान की स्थिति पर सतत् निगरानी रहे। बाढ़ ग्रस्त क्षेत्रों में राहत पहुचाने के लिये लगायी गयी नौकाओं के सबंध में जिलाधिकारी को निर्देश दिये गये है कि नौकाएं कही से भी क्षतिग्रस्त न हो और नौवहन के लिए पूर्णतया सुरक्षित हो। मंत्री ने बताया कि जिलाधिकारियों को प्रदूषित जनजनित व वेक्टर (मक्खी, मच्छर) जनित रोगों की रोकथाम के लिये आवश्यक कार्यवाही किये जाने को कहा गया है और इन रोगों की उपचार के लिये औषधियों का पर्याप्त स्टॉक तथा पशुओं के आहार के लिये चारा-भूसा आदि की पर्याप्त व्यवस्था भी सुनिश्चित करने के निर्देश दिये गये हैं।

राजभर ने बताया कि गोरखपुर में राप्ती नदी के बांये तट पर किमी 16.500 के पास सीपेज हो रहा है। तटबंध पर मिट्टी भरी बोरियें एवं फिल्टर का उपयोग कर सीपेज को नियंत्रित किया जा रहा है। तटबंध की सतत् निगरानी की जा रही है। मऊ की तहसील मधुबन के ग्राम गजियापुर में पांच अगस्त को विद्युत पोल गिर जाने से बंधे पर कटाव हो गया, जिसे तत्काल बन्द कराया गया। अब तक 70 प्रतिशत कार्य पूर्ण हो चुका है। बंधे के कटान से लगभग 5,000 परिवार प्रभावित हैं। तीन गांव के पानी से घिरे 20 परिवारों को बाहर निकाला गया है।

उन्होंने बताया कि बाढ़ पीड़ित परिवारों को खाद्यान्न किट का वितरण कराया जा रहा है जिसमें 10 किलो आटा, 10 किलो चावल, 10 किलो आलू, पांच किलो लाई, दो किलो भूना चना, दो किलो अरहर की दाल, 500 ग्राम नमक, 250 ग्राम हल्दी, 250 ग्राम मिर्च, 250 ग्राम धनिया, पांच लीटर केरोसिन, एक पैकेट मोमबत्ती, एक पैकेट माचिस, 10 पैकेट बिस्कुट, एक लीटर रिफाइन्ड तेल, 100 टेबलेट क्लोरीन एवं दो नहाने के साबुन शामिल है। अब तक राहत सामग्री के अन्तर्गत 16,705 खाद्यान्न किट व 1,32,261 मीटर तिरपाल का वितरण किया जा चुका है।

राजभर ने बताया कि प्रभावित क्षेत्रों में 249 मेडिकल टीम लगायी गयी है जबकि बाढ की आपदा से निपटने के लिए प्रदेश में 219 बाढ़ शरणालय, और दो जनपदों में 24 शरणालयों में 3864 व्यक्ति रह रहे है तथा 712 बाढ़ चौकी स्थापित की गयी है। 


 


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Tamanna Bhardwaj

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