मैनपुरी हत्या मामले में बुरे फंसे DGP: लगातार दूसरे दिन पेशी, 24 घंटे बाद प्रयागराज छोड़ने की मिली परमिशन

punjabkesari.in Thursday, Sep 16, 2021 - 06:12 PM (IST)

मैनपुरी: यूपी के मैनपुरी में दो साल पहले जवाहर नवोदय विद्यालय में एक नाबालिग छात्रा की हत्या के मामले में यूपी DGP मुकुल गोयल बुरी तरह फंस गए हैं। इस मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट में लगातार दूसरे दिन गुरुवार को उत्तर प्रदेश के DGP मुकुल गोयल की पेशी हुई। तेज बारिश के बीच DGP हाईकोर्ट पहुंचे। सुनवाई के बाद कोर्ट ने डीजीपी मुकुल गोयल को प्रयागराज से बाहर जाने की इजाजत दे दी है। डीजीपी मुकुल करीब 24 घंटे प्रयागराज में रहे। उन्हें बुधवार को कोर्ट ने प्रयागराज न छोड़ने की सख्त हिदायत दी थी। 

कोर्ट ने DGP को कहा- दो महीने में मामले की जांच कर रिपोर्ट सौंपें
बता दें कि कोर्ट ने डीजीपी को निष्पक्ष जांच के आदेश दिए हैं। यह भी कहा कि दो माह में मामले की जांच कर रिपोर्ट कोर्ट को सौंपें। कोर्ट ने इस दौरान एक अहम टिप्पणी भी की। कहा, पुलिस को प्रशिक्षण देने की जरुरत है। अधिकांश विवेचना कांस्टेबल करता है, दरोगा कभी कभी जाता है। निष्पक्ष विवेना न होने से सजा का रेट 6.5 फीसदी है। विदेशों में अपराध में सजा की दर 85% है।
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हाईकोर्ट ने डीजीपी को एसपी मैनपुरी के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने डीजीपी से कहा कि एसपी मैनपुरी को हटाएं या जबरन रिटायर किया जाए। कार्रवाई नहीं की गई तो कड़े कदम उठाए जाएंगे। इससे पहले कोर्ट ने यह भी कहा, हमें खुद बताना पड़ रहा है कि इस मसले में अब तक क्या-क्या हुआ है। अभिलेखों को अच्छी तरह से देख लीजिए और पूरा मामला समझ लीजिए। इसके बाद कल सुबह 10 बजे पूरी तैयारी के साथ कोर्ट के सामने उपस्थित हों। इस मामले की सुनवाई कल सुबह यानी गुरुवार को 10 बजे होगी और तब तक आप प्रयागराज नहीं छोड़ सकते। कोर्ट की नाराजगी के बाद शासन ने तत्कालीन एएसपी ओम प्रकाश सिंह और सीओ प्रयांक जैन को निलंबित कर दिया। अपर मुख्य सचिव, गृह अवनीश कुमार अवस्थी ने दोनों पीपीएस अधिकारियों के निलंबन की पुष्टि की।

कोर्ट ने DGP को लगाई फटकार, छूटे पसीने 
कोर्ट ने सुनवाई की शुरुआत में छात्रा की फांसी के बाद पंचनामे की वीडियो रिकार्डिंग देखी। इसके बाद कोर्ट ने डीजीपी से पूछा कि किसी के भी खिलाफ गंभीर धाराओं में रिपोर्ट दर्ज होने पर पहला काम क्या करते हैं? डीजीपी ने जवाब दिया कि गिरफ्तारी। फिर कोर्ट ने पूछा कि इतने गंभीर मामले में पुलिस ने आरोपियों को अभी तक गिरफ्तार क्यों नहीं किया? क्या आपने पोस्टमार्टम रिपोर्ट पढ़ी है? डीजीपी का जवाब मिला नहीं।

कोर्ट ने कहा, मैं आपको बताता हूं। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में नाबालिग के कपड़ों पर सीमेन पाया गया है। उसके सिर पर चोट के निशान थे। इसके बाद भी 3 महीने बाद अभियुक्तों का केवल बयान ही लिया गया। ऐसा क्यों? इस पर डीजीपी मुकुल गोयल ने कहा कि माइ लॉर्ड फिर से एसआईटी का गठन कर देते हैं।

डीजीपी मुकुल गोयल के इस जवाब पर कोर्ट ने गहरी नाराजगी जाहिर की और कहा कि 3 साल में पूर्व में गठित एसआईटी ने क्या किया? अब एक और एसआईटी के गठन से क्या होगा? किस पर विश्वास किया जाए? कोर्ट ने पूछा, आपने तीन सालों में किसके खिलाफ कार्रवाई की।

जानिए क्या है मामला?
बता दें कि 16 सितंबर 2019 को मैनपुरी के जवाहर नवोदय विद्यालय में 16 वर्ष की एक छात्रा ने सुसाइड कर लिया। छात्रा ने मरने से पहले सुसाइड नोट भी लिखा जिसे पढ़कर किसी का भी कलेजा मुंह को आ जाए। छात्रा ने लिखा कि मैं माता-पिता और भाई से बहुत प्यार करती हूं। मेरे सभी साथी बहुत अच्छे हैं। आठवीं में मुझसे एक गलती हो गई थी। तबसे लेकर अब मुझ पर कोई विश्वास ही नहीं करता। तब जो काम मैंने किया था, उसकी सजा मिल चुकी थी, लेकिन जो नहीं किया उसका भी आरोप लगता है। विद्यालय प्रशासन से मैंने इसको लेकर कई बार शिकायत की लेकिन, कुछ कोई सुनवाई नहीं हुई।
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वहीं इस मामले में परिजनों का कहना था कि रेप के बाद बेटी की हत्या करके शव लटका दिया गया है। उसके शरीर पर कई जगह चोटों के निशान दिखाई पड़ रहे थे। जिसके बाद मृतका के पिता ने सीएम योगी से जांच की गुहार लगाई तो एसआईटी ने जांच की थी। 24 अगस्त 2021 को एसआईटी टीम ने केस डायरी हाईकोर्ट में रखी।

टीम ने कहा, घटना की एफआईआर 16 सितंबर 2019 को दर्ज की गई थी। हालांकि आरोपी से पूछताछ तुरंत या उचित समय के भीतर नहीं की गई। आरोपी से पूछताछ घटना के 3 माह बाद की गई। कोर्ट में मौजूद जांच अधिकारी आरोपी से पूछताछ में हुई देरी के बारे में कुछ नहीं बता सके थे। कोर्ट ने टिप्पणी की थी कि यह अंतराल आरोपी के खिलाफ गंभीर आरोपों के बावजूद हुआ, जोकि गंभीर चूक है। इसके बाद कोर्ट ने डीजीपी को तलब किया था।


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Content Writer

Tamanna Bhardwaj

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