युपी के इस दारोगा को देख हर कोई कहता है 'भई! मूंछें हों तो हर्ष कुमार जैसी'

punjabkesari.in Saturday, Jun 01, 2019 - 11:47 AM (IST)

वाराणसीः हिन्दी फिल्मों के कई मशहूर डायलॉग आज भी आपके जहन में होंगे, इन्हीं में से एक शराबी फिल्म का मशहूर डायलॉग मूंछें हों तो नत्थूलाल जैसी इन दिनों चर्चा में है। दरअसल, वाराणसी पुलिस महकमे में तैनात दारोगा हर्ष कुमार भदौरिया की मूंछें नत्थूलाल से कम नहीं हैं। पुलिस महकमे से लेकर सोशल मीडिया तक हर्ष कुमार अपनी मूछों की वजह से छाए हुए हैं।

विरासत में मिलीं मूंछें
बता दें कि दारोगा हर्ष कुमार मूंछें विरासत में मिली है। हर्ष कुमार के पिता प्रहलाद सिंह भी पुलिस सेवा में कार्यरत थे और उन्हें भी लोग मूंछों की वजह से जानते थे। हर्ष कुमार बताते हैं कि शुरूआती दिनों में उन्हें खेलों में ज्यादा रुचि थी, लेकिन पिता की रौबदार मूंछों और खाकी वर्दी आकर्षित करती थी। कुछ दिनों बाद उन्होंने अपना इरादा बदल लिया। बतौर कांस्टेबल 1982 में पुलिस सेवा में नौकरी शुरू की। 2012 में उनके साथ कुछ ऐसा हुआ कि वो मूंछों को लेकर कुछ ज्यादा ही क्रेजी हो गए। हर्ष के मुताबिक सिंघम फिल्म के प्रमोशन के दौरान उनकी मुलाकात अजय देवगन से हुई थी। इस दौरान उन्होंने अपनी और अजय देवगन की एक फोटो सोशल मीडिया पर शेयर की तो लोगों ने खूब कमेंट किए। लोगों ने उनकी मूंछों की तारीफ करते हुए कहा कि असली सिंघम तो आप हो।

मूंछों की वजह से बच्चे लेते हैं सेल्फी
नौकरी के दौरान हर्ष की अधिकांश पोस्टिंग पश्चिम उत्तर प्रदेश के अलग-अलग जिलों में रही है। बरेली, नोएडा, गाजियाबाद सहित जिलों में वो रह चुके हैं। इस दौरान जिस थाने में उनकी तैनाती होती है, वो अपनी मूंछों की वजह से छाए रहते हैं। हर्ष कुमार को अपनी मूंछों पर खूब नाज है और इसकी देखरेख में पूरा ध्यान भी रखते हैं। हर्ष बताते हैं कि मूंछें अब उनकी पहचान बन चुकी हैं। सोशल मीडिया पर उनकी लंबी चौड़ी फैंस फालोइंग बन चुकी है। हर्ष बताते हैं कि फेसबुक पर तस्वीर पोस्ट करते ही धड़ाधड़ लोगों के कमेंट आने लगते हैं। वहीं बच्चों को सेल्फी लेना पसंद है।

रियल सिंघम के नाम से भी पुकारते हैं लोग
हर्ष की जितनी रौबदार मूंछें हैं, उनकी वर्किंग स्टाइल भी कड़क है। पश्चिम यूपी में तैनाती के दौरान हर्ष के नाम से ही अपराधियों की घिघ्घी बंध जाती थी। अब तक उन्होंने दो दर्जन से अधिक बदमाशों को मार गिराया है। उनकी जाबांजी को देखते हुए उन्हें जल्द प्रमोशन मिला। अपराध और अपराधियों के खिलाफ उनकी नीति जीरो टॉलरेंस की होती है। इसलिए लोग उन्हें रियल सिंघम के नाम से भी पुकारते थे। वाराणसी में पिछले चार महीने से वो कालभैरव कोतवाली में तैनात हैं। हर्ष के मुताबिक उनकी तैनाती के बाद से इलाके में क्राइम का ग्राफ बेहद नीचे है। बाबा के दरबार में आने वाले श्रद्धालू सुरक्षा की चिंता छोड़ दर्शन-पूजन में मन लगाते हैं।

 


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