एकल, तलाकशुदा, विधवा महिलाओं के लिए स्मृति ने उठाई ये मांग

punjabkesari.in Saturday, Jul 27, 2019 - 02:45 PM (IST)

अमेठीः उत्तर प्रदेश के अमेठी जिले की सांसद स्मृति ईरानी यहां लगातार सक्रिय हैं। इसी कड़ी में स्मृति ईरानी ने शैक्षिक प्रमाणपत्रों, पासपोर्ट और वीजा जैसे दस्तावेजों में पिता के नाम की अनिवार्यता खत्म करने की कोशिश की है।

दरअसल, यह कोशिश एकल, तलाकशुदा, विधवा या किसी कारणवश बच्चों का पालन पोषण अकेले कर रही महिलाओं की समस्या को देखते हुए की गई है। उन्होंने बताया कि 2016-17 में मानव संसाधन विकास और विदेश मंत्रालय को उनके मंत्रालय ने पत्र लिखा था। इनमें उक्त संबंधित दस्तावेजों को बिना पिता के नाम के जारी करने का अनुरोध किया गया था।

पत्र में कहा गया था कि मां व बच्चे की इच्छा होने पर पासपोर्ट और वीजा जैसे दस्तावेजों में पिता का नाम शामिल नहीं किया जाए। यह पत्र 15 अप्रैल, 2016 को लिखा गया था। इसके बाद इसी साल 24 अप्रैल को लिखे पत्र में बताया गया कि जब तलाकशुदा महिला अपने बच्चे का वीजा बनवाती है, तो उसे बच्चे के जैविक पिता से एनओसी लेनी होती है। इसमें कई तरह की दिक्कतें आती हैं। इसलिए संबंधित दस्तावेजों में किसी भी तरह की परेशानी को खत्म करने के लिए पिता का नाम दर्ज न करने की रियायत मिलनी चाहिए।
 


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Tamanna Bhardwaj

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