NPR की घोषणा के बाद हापुड़ नगरपालिका  में लगी लंबी कतार

punjabkesari.in Wednesday, Dec 25, 2019 - 12:48 PM (IST)

हापुड़ः राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (NPR) को कैबिनेट की बैठक में मंजूरी मिलने व इसके ऐलान के बाद हापुड़ नगरपालिका दफ्तर में जन्म प्रमाण पत्र बनाने वालों की अचानक भीड़ जुट गई।

लोगों की लंबी लाइन लगने पर अधिशासी अधिकारी जेके आनंद ने कहा कि जन्म प्रमाण पत्र बनवाने के लिए लोगों का हजूम उमड़ पड़ा है, किसी ने अपना जन्म 1948 बताया तो कुछ ने 1952 का हवाला दिया। समस्या है कि हमारे पास पुरानी तारीखों की जानकारी नहीं है इस कारण हमें दिक्कत हो रही है। लेकिन हम इसे जल्द पूरा करने की कोशिश में लगे हैं।
पहचान बताने के लिए दस्तावेज की नहीं पड़ेगी जरुरत 
केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने इस बात की जानकारी देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में निर्णय लिया गया कि अप्रैल 2020 से शुरू होने वाली एनपीआर की प्रक्रिया में लोगों से पहचान बताने के लिए किसी प्रकार के दस्तावेज नहीं मांगे जाएंगे।प्रस्ताव के अनुसार, एनपीआर की यह प्रक्रिया सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में अप्रैल 2020 से सितंबर 2020 तक पूरी कर ली जाएगी। 

जानें क्या है NPR
देश के नागरिकों का एक रजिस्टर है। जिसमें देश में रहने वाले हर व्यक्ति की पूरी जानकारी होगी। देश के हर निवासी की पूरी पहचान और अन्य जानकारियों के अधार पर उनका डेटाबेस तैयार करना इसका अहम उद्देश्य है। सरकार अपनी योजनाओं को तैयार करने, धोखाधड़ी को रोकने और हर परिवार तक स्कीमों का लाभ पहुंचाने के लिए इसका इस्तेमाल करती है।व्यक्ति का नाम, परिवार के मुखिया से संबंध, पिता का नाम, माता का नाम, पत्नी या पति का नाम (यदि विवाहित हैं), लिंग, जन्मतिथि, मौजूदा पता, राष्ट्रीयता, स्थायी पता, व्यवसाय और बॉयोमीट्रिक डिटेल्स को इसमें शामिल किया जाएगा। 5 साल से अधिक उम्र के लोगों को ही इसमें शामिल किया जाएगा।

यह नागरिकता अधिनियम 1955 और 2003 के नागरिकता (नागरिकों का पंजीकरण और राष्ट्रीय पहचान पत्र जारी करना) नियमों के प्रावधानों के तहत गांव, उप-जिला, जिला, राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर तैयार किया जा रहा है।

 

 


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Ajay kumar

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