UP के कुख्यात माफिया डॉन मुन्ना बजरंगी की बागपत जेल में हत्या, आज होनी थी कोर्ट में पेशी

punjabkesari.in Monday, Jul 09, 2018 - 02:33 PM (IST)

बागपत: पूर्वांचल के कुख्यात माफिया डॉन प्रेम प्रकाश उर्फ मुन्ना बजरंगी की बागपत जेल में हत्या कर दी गई। आज उसकी बागपत कोर्ट में पेशी होनी थी और इसी के लिए उसे झांसी से बागपत लाया गया था। कुख्यात सुनील राठी और विक्की सुनहेड़ा के साथ उसे तन्हाई बैरक में रखा गया था। बीएसपी के पूर्व विधायक लोकेश दीक्षित से रंगदारी मांगने के मामले में बागपत कोर्ट में मुन्ना की पेशी होनी थी। मुन्ना बजरंगी की पत्नी पहले ही उसकी हत्या की आशंका जता चुकी थी। इससे पहले झांसी जेल में भी मुन्ना पर हमला हुआ था।
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मुन्ना बजरंगी की पत्नी सीमा ने कहा था कि मेरे पति की जान को खतरा है। यूपी एसटीएफ और पुलिस उनका एनकाउंटर करने की फिराक में हैं। झांसी जेल में मुन्ना बजरंगी के ऊपर जानलेवा हमला किया गया। कुछ प्रभावशाली नेता और अधिकारी मुन्ना की हत्या करने का षड्यंत्र रच रहे हैं। सीमा ने कहा था कि जेल में ही उसके पति के खाने में जहर देने की कोशिश की गई। सीसीटीवी फुटेज में भी इसकी रिकॉर्डिंग है, जिसमें एक एसटीएफ अधिकारी जेल में ही मुन्ना बजरंगी को मारने की बात कह रहे हैं। इसकी शिकायत कई अधिकारियों और न्यायालय से की, लेकिन कहीं से भी सुरक्षा नहीं मिली।
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उसने हालांकि यहां तक कहा था कि सिर्फ पति ही नहीं, मेरे पूरे परिवार पर जान का खतरा है। मेरे भाई की हत्या 2016 में की गई, लेकिन पुलिस ने इस मामले में सिर्फ टालमटोल कर केस बंद कर दिया। इसके बाद हमारे शुभचिंतक तारिक मोहम्मद की भी हत्या कर दी गई, लेकिन पुलिस खाली हाथ बैठी रही। पुलिस जांच करने के बजाय परिवार के लोगों को परेशान कर रही है। मुन्ना झांसी में तकरीबन एक साल से बंद था। उसके बारे में कहा जाता था कि वो सुपारी लेकर किसी की भी हत्या करा सकता है। जौनपुर के कसेरूपूरेदयाल गांव का रहने वाले मुन्ना बजरंगी का नेटवर्क मुंबई, पश्चिम बंगाल, हरियाणा और पूर्वी उत्तर प्रदेश में फैला हुआ था।
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उसका अपराध का सफर 1982 से शुरू हुआ जो अभी भी जारी है। 1995 में यूपी एसटीएफ मुठभेड़ में मुन्ना गोली खा गया था लेकिन वह बच गया। इस बीच मुन्ना से मुख्तार अंसारी ने हाथ मिला लिया। इस गठजोड़ का परिणाम यह निकला कि मुन्ना ने 2005 में मुहम्मदाबाद के बीजेपी विधायक कृष्णानंद राय की हत्या कर दी। राय की हत्या के बाद मुन्ना बजरंगी अपराध की दुनिया में दहशत का दूसरा नाम बन गया।
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अपने नाम के खौफ का इस्तेमाल करते हुए मुन्ना पर कोयला और स्क्रैप व्यापारियों से करोड़ों रुपए की रंगदारी लेने का भी इल्जाम है। 2012 में मड़ियाहू विधानसभा चुनाव से वह चुनाव भी लड़ चुका है। जहां उसे करारी शिकस्त मिली। प्रेमप्रकाश उर्फ मुन्ना बजरंगी जौनपुर, सुल्तानपुर, तिहाड़, मिर्जापुर, झांसी और पीलीभीत जेल में बंद रह चुका है। 26 जून 2017 को उसे झांसी जेल शिफ्ट किया गया था।


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